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1971 के पाक-भारत युद्ध का गोला अब फटा, तीन बच्चे मारे गए और 10 लोग घायल हो गए
हम उससे गेंद समझ कर ले आए, सुबह को रेत ठंडी थी तो दस्तों ने कहा कि चलो खेलते हैं और उसी दौरान एक बच्चे ने गोला उठा कर नीजे फैंका तो बड़ा घमाका हुआ. - ज्वाहर, घायल बच्चा
पाकिस्तान में भारतीय सीमा से सटे गाँव में एक बम धमाके में तीन बच्चे मारे गए और 10 लोग घायल हो गए.
यह घटना खिपरो शहर से 15 किलोमीटर दूर भारतीय सीमा के पास मियो ठाकुर गाँव में घटी.
स्थानीय पुलिस ने मुताबिक़ 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में एक मार्टर गोला नहीं फट सका था और रेत में दबा हुआ था और भारी बारिश की वजह से वह ज़ाहिर हो गया.
पुलिस का कहना है कि वह मार्टर गोला बच्चों को मिला और जब बच्चे उस गोले से खेल रहे थे तो एक बड़ा विस्फोट हुआ.
'कुछ की स्थिति गंभीर'
स्थानीय लोगों ने घायल बच्चों को खिपरो तालुका के अस्पताल में भर्ती
किया है और वहाँ सुविधाएं न होने की वजह से तीन बच्चों को हैदराबाद
लाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक़ तीन बच्चों की स्थिती गंभीर बताई जा
रही है.
एक घायल बच्चे जवाहर ने टेलीफ़ोन पर बीबीसी को बताया कि मार्टर गोला गेंद जैसा था जो उन्हें गाँव से बाहर रेत से मिला.
उन्होंने कहा, “हम उससे गेंद समझ कर ले आए, सुबह को रेत ठंडी थी तो दस्तों ने कहा कि चलो खेलते हैं और उसी दौरान एक बच्चे ने गोला उठा कर नीजे फैंका तो बड़ा घमाका हुआ.”
जवाहर के मुताबिक़ धमाके से उनके पेरों में चोट लगी और धमाके की आवाज़ सुन कर गाँव को लोग आए और बच्चों को अस्पताल ले गए.
मरने वालों में दो भाई 15 वर्षीय दिलीप और आठ वर्षीय रमेश भी शामिल हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच 1971 में हुए युद्ध के दौरान इसी इलाक़े में काफ़ी गोलीबारी हुई थी और कई ऐसे गोले थे जो फट नहीं सके थे.
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