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भगत सिंह को पाकिस्तान में मिले सम्मान, पाकिस्तानी संगठन की मांग
लाहौर। पाकिस्तान के एक संगठन ने माग की है कि महान स्वतंत्रता
सेनानी भगत सिंह का देश में नायकों की तरह सम्मान किया जाना चाहिए
क्योंकि वह किसी एक देश या धर्म तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने दमन,
चरमपंथ और तानाशाही के खिलाफ सभी सीमाओं के पार लड़ाई लड़ी।
आज भगत सिंह के शहादत दिवस पर 'वर्ल्ड पंजाब काग्रेस' के अध्यक्ष
फाखर जामन ने उल्लेख किया कि इस स्वतंत्रता सेनानी को लाहौर में फासी
दी गई थी। उन्होंने कहा कि उनका संगठन 20 साल से फासी स्थल पर
शहीद-ए-आजम का स्मारक बनाए जाने के लिए कोशिशें कर रहा है। भगत सिंह
को उनके साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल
में फासी दी गई थी।
जामन ने कहा कि उनका फासी स्थल आज शादमान चौक के नाम से जाना जाता है
और इसका नाम भगत सिंह चौक रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समय है
जब समाज के लोग पंजाब के इस महान नायक को श्रद्धाजलि देने के लिए
स्मारक स्थापित कर सकते हैं। जामन उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच
मित्रवत संबंधों के लिए काम कर रहे शाति समूह और बुद्धिजीवी इस मुद्दे
को उठाने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे।
संगठन प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के बीच वीजा नियम काफी कठिन हैं
और नई औपचारिकताओं ने आम आदमी के लिए वीजा हासिल करना काफी मुश्किल
बना दिया है। उन्होंने पूछा कि जब व्यवसायियों को बहु प्रवेश वीजा मिल
सकता है तो लेखकों और बुद्धिजीवियों को क्यों नहीं जो व्यवसायियों से
अधिक महत्वपूर्ण हैं? जामन ने कहा कि वह मई में भारत जाने वाले 70
विद्वानों, लेखकों और शिक्षाविदों के दल का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद
लाहौर में वर्ल्ड पंजाब काउंसिल और इंटरनेशनल सूफी काउंसिल के
तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय शाति सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें
विदेश से 50 और पाकिस्तान के 150 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद
है।
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