अनादि काल से अब तक विश्व में समग्र मानव कल्याण के लिए बहुत से धर्मों, दर्शनों, राजनैतिक व्यवस्थाओं का प्रादुर्भाव हुआ है..
लीबिया में विद्रोही प्रमुख को त्रिपोली में रक्तपात की आशंका
लीबिया में राजधानी त्रिपोली को अगस्त के अंत तक फतह करने की
विद्रोहियों की उम्मीद के बीच उनके विद्रोही प्रमुख ने राजधानी पर
कब्जा जमाने में भीषण रक्तपात होने की आशंका जतायी है। जीत की आस को
लेकर विद्रोहियों के राजनीतिक नेताओं ने निरंकुश शासन से पूर्ण
लोकतंत्र की ओर पविर्तन के लिये रोडमैप भी तैयार कर लिया है।
राष्ट्रीय परिवर्तन परिषद (एनटीसी) के प्रमुख मुस्तफा अब्दुल जलील ने
अखबार अशराक अल अवासत के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘शिकंजा कसा जा
रहा है।’’ उन्होंने आशंका जतायी कि मुअम्मर कज्जाफी के सत्ता से हटने
के इनकार करने के कारण रक्तपात की आशंका है।
उन्होंने कहा, ‘‘कज्जाफी शांतिपूर्ण ढंग से नहीं हटेंगे। वह आपदा के
बीच हटेंगे जिससे वह और उनका परिवार अछूता नहीं रहेगा। ’’ विपक्षी
प्रमुख ने ईद-उल-फितर त्रिपोली में मनाने की उम्मीद जतायी। जलील ने एक
बार वैसी किसी भी वार्ता से इनकार कर दिया जिसमें कज्जाफी एवं उनके
बेटे की सत्ता से बिदाई शामिल नहीं है। इस संदर्भ में उन्होंने
संयुक्त राष्ट्र अब्देल इल्ला खातिब की भी आलोचना की।
Share Your View via Facebook
top trend
-
“शून्य” से नयी क्रांति... पुनः सृजनात्मक “शून्य”
-
देश के सबसे बड़े अनशन सत्याग्रही - शहीद जतिन दास
जतिंद्र नाथ दास (27 अक्टूबर 1904 - 13 सितम्बर 1929), उन्हें जतिन दास के नाम से भी जाना जाता है, एक महान भारतीय स्वतंत्रत..
-
सोनिया गाँधी और कांग्रेस ने कभी सोचा नहीं होगा कि तेलंगाना आंदोलन ऐसा गम्भीर रुख लेगा
9 दिसम्बर 2009 (अर्थात सोनिया गाँधी के जन्मदिन) पर तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेसी सांसदों ने सोनिया गाँधी को शॉल ओढ़ाकर फ..
-
टीवी शो में अभद्रता पर लगाम की कवायद
टेलीविजन पर टीवी शॉप कार्यक्रमों में आमतौर पर देखे जाने वाले तंत्र-मंत्र, ज्योतिष एवं जादू टोने, छद्म विज्ञापन और टी..
-
राइट टू रिकॉल पर अन्ना की मुहिम से निपटने के लिए कांग्रेस ने अभी से बनाई रणनीति
अन्ना हजारे के आंदोलन से मनमोहन सरकार और कांग्रेस की साख को जो बट्टा लगा है, उसकी भरपाई के लिए पार्टी ने ठोस रणनीति त..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)