क्या ‘भगवा आतंक’ हिंदुओं एवं मुस्लिमों को राजनीतिक रूप से समान करने का एक उन्मादी प्रयास है? जिसके लिय..
वाह जी वाह! यह 'हमारी' सरकार है। हमारे चुने हुए जन-'सेवक'। अभी चुनावों के दौरान जो अपने कथित युवा राजकुमार के नाम पर वोट मांगते नज़र आते हैं, आज युवाओं पर लाठियाँ भाँज रहे हैं। लड़कियों को ज़मीन पर घसीट रहे हैं, पीट रहे हैं !!
# इन मासूम युवाओं का कसूर क्या है?
# क्या महिलाओं के लिए सम्मान की मांग करना अपराध है?
# क्या बलात्कारियों का विरोध करना गुनाह है?
# आखिर कब तक बलात्कारियों की दरिंदगी सहन करनी चाहिए थी हमे?
# क्या लड़कियों को बलात्कार सहकार भी चुपचाप घर मे कैद होकर बैठ जाना चाहिए?
उस लड़की की अस्मत लूटी गई। इस कदर पीटा गया कि उसकी आँत निकाल देनी पड़ी। फिर भी वो ज़िंदा है। वो इंसाफ चाहती है। हम उसकी बहादुरी को सलाम करते हैं। दामिनी के साहस ने पूरे देश को आतताइयों और अनाचारियों से लड़ने का हौंसला दिया है। आज किसी ने बहुत सटीक ट्वीट किया – "भारत की सरकार तालिबान बन चुकी है। फर्क सिर्फ इतना है कि तालिबान फतवा जारी करता है और सरकार धारा 144 लगाती है।"
अभी पुलिस युवाओं को घसीटते हुए बसों मे भर रही है तब युवाओं के नाम पर राजनीति करने वाले कथित क्रांतिकारी कहाँ है? ये अच्छे परिवारों के सभ्य बच्चे हैं। क्या सभ्य होना ही इनका अपराध है? यदि यह पीएफ़आई के गुंडों की भीड़ होती तो क्या सरकार का इतना दुस्साहस होता?
सरकार का रवैया उस वक़्त तो ऐसा नहीं था जब मुंबई मे हजारों उग्रवादियों की भीड़ ने धर्म के नाम पर उत्पात मचाते हुए कई पुलिस कर्मियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था? यहाँ तक की उन दरिंदों ने 2 महिला कॉन्स्टेबलों की अस्मत लूटी फिर भी सरकार चुप थी। तो आज इंसाफ की मांग करते मासूम युवाओं के साथ ऐसा बर्बर अत्याचार क्यों?
राष्ट्रपति भवन के ऐन बाहर सरकारी क्रूरता का यह तांडव जारी है। फिर भी क्यों माननीय राष्ट्रपति अपने भवन से बाहर नहीं निकले? यूपीए अध्यक्षा और दिल्ली की मुख्यमंत्री स्वयं महिलाएं हैं। फिर भी वे महिला-अस्मिता को इस तरह लुटता हुआ देख ही नहीं रही, बल्कि आंदोलनकारी लड़कियों के साथ पुलिस द्वारा अभद्र व्यवहार को प्रश्रय दे रही हैं।
बस। बहुत हो चुका। हमारे धैर्य की परीक्षा लेना बंद कीजिये। ये वह देश है जहां एक नारी का अपमान करने पर महाबली रावण भी नष्ट हो जाता है। जहां द्रौपदी के सम्मान की रक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण कोटी-कोटी अनाचारियों को महाभारत युद्ध मे होम कर देते हैं। अब दामिनी के लिए और प्रत्येक बालिका के सम्मान की रक्षा के लिए निर्णायक संघर्ष होगा। देश उठ खड़ा हुआ है। नारी अस्मिता के सम्मान के लिए हम भी आहुति देने को तत्पर हैं। क्या आप साथ देंगे?
Share Your View via Facebook
top trend
-
क्या हिन्दू (भगवा) आतंकवाद एक राजनीतिक षड्यंत्र है ?
-
मूर्ख और भयावह थीं इंदिरा गांधीः जैकलिन कैनेडी पत्नी जॉन एफ कैनेडी
वॉशिंगटन ।। एक नई पुस्तक में दावा किया गया है कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी और उनकी पत्नी जैकलिन को पंडि..
-
गिलानी पर हमला, विद्यार्थी परिषद् एवं बग्गा ने कहा राष्ट्र-विरोधी ब्यान सहन नहीं
आज अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर भगत सिंह क्रांति सेना और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के उपाध्यक्ष और ..
-
सर्वोच्च न्यायालय का मुस्लिम आरक्षण पर लगी रोक तुरंत हटाने से इनकार, सरकार को लताड़ा
६५ साल पहले सत्ता पाने के लिए धर्म के आधार पर देश का बंटवारा स्वीकार करने के बाद भी भारत की आजादी का सेहरा अकेले अपने सर..
-
एक और पाकिस्तान : नरेन्द्र सहगल
जम्मू-कश्मीर, सरकारी वार्ताकारों द्वारा तुष्टीकरण के आधार पर तैयार की गई रपट का अर्थ है 'एक और पाकिस्तान'
..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)