समाज के 100% व्यक्ति को आज अनिष्ट शक्तियों (सूक्ष्म आसुरी शक्ति) द्वारा कष्ट है, ऐसे कष्ट के उपाय हेतु योग्य प्रकार से ..

वाह जी वाह! यह 'हमारी' सरकार है। हमारे चुने हुए जन-'सेवक'। अभी चुनावों के दौरान जो अपने कथित युवा राजकुमार के नाम पर वोट मांगते नज़र आते हैं, आज युवाओं पर लाठियाँ भाँज रहे हैं। लड़कियों को ज़मीन पर घसीट रहे हैं, पीट रहे हैं !!
# इन मासूम युवाओं का कसूर क्या है?
# क्या महिलाओं के लिए सम्मान की मांग करना अपराध है?
# क्या बलात्कारियों का विरोध करना गुनाह है?
# आखिर कब तक बलात्कारियों की दरिंदगी सहन करनी चाहिए थी हमे?
# क्या लड़कियों को बलात्कार सहकार भी चुपचाप घर मे कैद होकर बैठ जाना चाहिए?
उस लड़की की अस्मत लूटी गई। इस कदर पीटा गया कि उसकी आँत निकाल देनी पड़ी। फिर भी वो ज़िंदा है। वो इंसाफ चाहती है। हम उसकी बहादुरी को सलाम करते हैं। दामिनी के साहस ने पूरे देश को आतताइयों और अनाचारियों से लड़ने का हौंसला दिया है। आज किसी ने बहुत सटीक ट्वीट किया – "भारत की सरकार तालिबान बन चुकी है। फर्क सिर्फ इतना है कि तालिबान फतवा जारी करता है और सरकार धारा 144 लगाती है।"
अभी पुलिस युवाओं को घसीटते हुए बसों मे भर रही है तब युवाओं के नाम पर राजनीति करने वाले कथित क्रांतिकारी कहाँ है? ये अच्छे परिवारों के सभ्य बच्चे हैं। क्या सभ्य होना ही इनका अपराध है? यदि यह पीएफ़आई के गुंडों की भीड़ होती तो क्या सरकार का इतना दुस्साहस होता?
सरकार का रवैया उस वक़्त तो ऐसा नहीं था जब मुंबई मे हजारों उग्रवादियों की भीड़ ने धर्म के नाम पर उत्पात मचाते हुए कई पुलिस कर्मियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था? यहाँ तक की उन दरिंदों ने 2 महिला कॉन्स्टेबलों की अस्मत लूटी फिर भी सरकार चुप थी। तो आज इंसाफ की मांग करते मासूम युवाओं के साथ ऐसा बर्बर अत्याचार क्यों?
राष्ट्रपति भवन के ऐन बाहर सरकारी क्रूरता का यह तांडव जारी है। फिर भी क्यों माननीय राष्ट्रपति अपने भवन से बाहर नहीं निकले? यूपीए अध्यक्षा और दिल्ली की मुख्यमंत्री स्वयं महिलाएं हैं। फिर भी वे महिला-अस्मिता को इस तरह लुटता हुआ देख ही नहीं रही, बल्कि आंदोलनकारी लड़कियों के साथ पुलिस द्वारा अभद्र व्यवहार को प्रश्रय दे रही हैं।
बस। बहुत हो चुका। हमारे धैर्य की परीक्षा लेना बंद कीजिये। ये वह देश है जहां एक नारी का अपमान करने पर महाबली रावण भी नष्ट हो जाता है। जहां द्रौपदी के सम्मान की रक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण कोटी-कोटी अनाचारियों को महाभारत युद्ध मे होम कर देते हैं। अब दामिनी के लिए और प्रत्येक बालिका के सम्मान की रक्षा के लिए निर्णायक संघर्ष होगा। देश उठ खड़ा हुआ है। नारी अस्मिता के सम्मान के लिए हम भी आहुति देने को तत्पर हैं। क्या आप साथ देंगे?
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