महिला समाज की रीढ़ है| रीढ़ ही कमजोर होगी तो समाजव्यवस्था का ढ़ांचा ढहने में समय नहीं लगेगा| यही बात ध्यान में रखकर ‘अब..
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
|चुनावी मौसम की शुरुआत होते ही 'बुद्धिजीवी' कीटकों को पंख उग आये हैं. सतही छिछले 'विचारों' की फडफडाहटों से राजनैतिक हवाओं के रूख को मोड़ने की चालाक किन्तु निरर्थक कोशिशें तेज़ हो चुकी हैं. यूं तो भारत और भारतीयता, संघ और राष्ट्रवादी विचारधारा, नरेंद्र मोदी और गुजरात पूरे वर्ष, बारहों महीने, आठ पहर-चौंसठ घडी इन 'विचारवान' विभूतियों के निशाने पर रहते हैं, किन्तु इन दिनों &n..
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
|वो भयभीत हैं,अपने ही काले कारनामों के खुलने से,अपने पापों के जगजाहिर हो जाने से,अपने अपराधों के जवाब मांगे जाने से,अपनी सत्ता के छिन जाने से,अपनी ताकत के हीन हो जाने से,अपने कुर.. -
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
|महान व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई ने ऐसी नाक का ज़िक्र किया था, जो हर बार कट जाने पर उसमे कई-कई शाखाएं उग आती हैं. ऐसी नाकों के बेशर्म मालिक गर्व से जहाँ तहां अपनी नाक कटाते फिरते हैं. लगता है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी अपने चेहरे पर कोई ऐसी ही नाक लगवा लाये हैं जो साल भर में १०० से अधिक दंगे होने पर भी शान से 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज... (माफ़ कीजिये) धर्मनिरपेक्षता की टोपी धारण ..
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भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
|इन दिनों चैनलों और समाचार पत्रों में "भारत-निर्माण" विज्ञापनों की धूम है। करीब 570 करोड़ के भारी भरकम बजट वाला ये विज्ञापन सरकार के कथित उपलब्धियों (??) को जन जन तक पहुँचाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसका एक उद्देश्य ये भी है की सरकार द्वारा जन-साधारण के और कल्याण के लिए जो काम किये गए है उसकी जानकारी आम-जनों तक पहुचायी जा सके। वैसे ये बात दिलचस्प है की आम लोगों के कल्य..
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२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
|२५ मई का स्याह दिन... खून.. बर्बरता... मौत का जश्न... नक्सलवाद के विरुद्ध युद्ध छेड़ने वाले छत्तीसगढ़ के प्रखर नेता महेंद्र कर्मा सहित २८ लोगों की जघन्य हत्या ! पूरा देश सकते में हैं. आदिवासी अधिकारों की लड़ाई के नाम पर ऐसी दरिंदगी... शर्मनाक! जिस पर कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा इस घृणित कृत्य को आदिवासियों का प्रतिशोध कहकर सही ठहराने की कोशिशें... नीचता की हद.
इस तथ्य से कतई इनकार..
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वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
|यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है। एक बार फिर से धर्म निरपेक्षता के नाम पर भारत माँ का, हमारे प्राणप्रिय राष्ट्र का घोर अपमान हुआ है। स्वाधीनता के महायज्ञ के उद्घोष.. लाखों अमर बलिदानियों के प्रेरणास्त्रोत हमारे राष्ट्रगीत वन्देमातरम का तिरस्कार.. इस कदर निरादर और हम चुप बैठने के तर्क खोज रहे हैं?? सहिष्णुता और धार्मिक स्वतन्त्रता की दुहाइयाँ दी जा रही हैं, यहाँ तक कि राष्ट्रगीत के अपमान क..
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चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
|चिट-फण्ड घोटाले मामले में आज कल चारो तरफ हडकंप मचा है। करीबन 5000 हज़ार करोड़ रूपये या शायद उससे भी ज्यादा के इस गोलमाल ने पश्चिम बंगाल के हज़ारों गरीबों की जिंदगियों को पटरी से ही उतार डाला है। इस मायने में ये घोटाला महज़ एक आर्थिक अपराध न होकर एक जघन्यतम कृत्य है जिसमे उनसे उनके मुंह का निवाला छिना गया है जो पहले से दो जून की रोटी नहीं जुटा पा रहे थे। मीडिया ने शुरुआत में तो इस मामले को बड़..
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समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
|लीजिये... हमारे देश की संप्रभुता पर एक और हमला। एक बार फिर चीन अपने नापाक मंसूबों के साथ हमारी ज़मीन पर आ खड़ा हुआ है। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के सैनिक 10 किलोमीटर तक अंदर घुस आए हैं। भारत-चीन की सीमा पर पंगोंग झील में चीनी नावों की मौजूदगी देखी गई है। भारत के एक तिहाई कश्मीर को निगल जाने वाला चीनी ड्रैगन अब लद्दाख की ओर नज़रें गड़ाए है। वह हमारी भूमि से पीछे हटने को तैयार नहीं और हमारे..
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
|एक देश की विदेश नीति का आधार क्या होना चाहिए, यह सदा से ही बुद्धिजीवी समाज में एक चर्चा का विषय रहा है। संसार के किसी भी राष्ट्र के विदेश नीति के मानदंड सामान्यतया सत्ता परिवर्तन से निर्लिप्त रखे जाते हैं क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध मूलतः सत्ताधारी दल की विचारधारा के बजाय एक सर्वमान्य नीति के आधार पर ही बनाये और चलाये जाते हैं। युधिष्ठिर द्वारा महाभारत में कहा गया एक वाक्य ‘वयं पंचाध..
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
|बात फिर वही आ कर खड़ी हो गयी है। नरेन्द्र मोदी ने बार बार कहा है कि सेकुलरिस्म के मायने पर राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है। कल प्रवासी भारतीयों को दिए अपने उद्बोधन में उन्होंने अपने सेकुलरिस्ज्म की वह परिभाषा दोहराई भी जिसके अनुसार सेकुलरिज्म का अर्थ है - इंडिया फर्स्ट अर्थात भारत ही सर्वोपरि है।
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विश्व महिला दिवस... उधार के आधे-अधूरे महिलावाद की आवश्यकता कहाँ है?
|विश्व महिला दिवस... आज मैं विशेषतः महिला चिंतन पर नहीं लिखना चाहती थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक महिला होना हर दिन उत्सव की तरह है। मैं साल के 365 दिन महिला होने पर गर्व कर सकती हूँ, महिलाओं के हक़ मे आवाज़ उठा सकती हूँ। तिसपर भी भारतीय होने की वजह से मेरे स्त्रीत्व के, शक्ति के पवित्र उद्घोष के रूप में मुझे 4 नवरात्रियाँ (कुल 36 दिन) विरासत मे मिले हैं। फिर भी सांझ समय, आधा ‘महिला&r..
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रक्त-रंजित इस्लामिक क्रांति का इतिहास एवं पुनर्जागरण...
|ईरान और अफगानिस्तान के इस्लामिक राज्य बनने के पहले की तस्वीरें विचलित कर देती हैं। एक अच्छी और फलफूल रही सभ्यता का अचानक से बर्बर आक्रमणकारियों के हत्थे चढ़ पूरी तरह खत्म हो जाना किसी भी सभ्य समाज के नागरिक को सकते में डाल सकता है। साथ ही इस बात की जरुरत को बताता है की इस तरह के चीजों के दोहराव से बचने के लिए इस बात पर सतत निगाह रखी जाये की विश्व में फिर ऐसी परिस्थितियाँ निर्मित न हो पाए और य..
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एक कथित सेकुलर देश की विडम्बना और विनोद पंडित का आमरण अनशन...
|यह एक कथित सेकुलर देश का निवासी होने की विडम्बना है। कश्मीरी हिन्दू हितों के लिए संघर्ष कर रहे ऑल पार्टीज़ माइग्रेंट कोर्डिनेशन कमेटी (APMCC) के प्रमुख श्री विनोद पंडित के आमरण अनशन का आज 14वां दिन है और उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। विनोद पंडित गुजरात के पोरबंदर में ३० जनवरी से आमरण अनशन पर है। उनकी प्रमुख मांग है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में शारदा पीठ मंदिर, जो 1947 के बाद..
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हम हिन्दू अब आतंकवादी हो गये ...
|जाँत-पाँत पर, ऊँच-नीच पर तोड़-तोड़ कर, परम्पराओं को, पुराणों को मोड़-मोड़ कर,
पश्चिमीकरण की अखिल भारतीय आंधी चला, स्वदेशी को गाँधी की सती बना, चिता जला,
नर-पिशाच वो खडे आज पहन खादी हो गये, हम हिन्दू अब आतंकवादी हो गये ...
जिसके प्रतिष्ठा को लड़े-भिड़े, हुएँ खेत शिवाजी, जिसके लिए महाराणा हुएँ घास खाने को राजी,
जिस लिए पृथ्वीराज ने न..
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कैलेण्डर 'सोनिया' के अनुसार 21 दिसंबर 2013 को धरती नष्ट हो जाएगी ...
|धरती नष्ट होने की Mayan calendar की भविष्यवाणी के ग़लत साबित होने का देश अभी ठीक से जश्न भी नहीं मना पाया था कि ख़बर है कि सोनिया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसम्बर 2013 को धरती नष्ट हो जाएगी।
जानकारों के मुताबिक सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह का अगले छह आठ महीनों में महंगाई बढ़ाने का जो कार्यक्रम है अगर उसे ठीक से लागू कर दिया गया तो 21 दिसम्बर 2013 तक धरती नष्ट हो जाएगी।
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सरहद के शहीदों को आंसुओं के साथ समर्पित
|अमर शहीद लांस नायक हेमराज और लांस नायक सुधाकर सिंह को आंसुओं के साथ समर्पित-
अमन, भाईचारा, मानवाधिकार, अभिव्यक्ति की आज़ादी... ये कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका हमारे देश मे खतरनाक तरीके से मनमाने ढंग से प्रयोग होता है। स्वघोषित बुद्धिजीवियों की फौज इन शब्दों की ठेकेदारी करती है। बहादुर सैनिकों के पवित्र रक्तिम शरीरों का ‘रेड कार्पेट’ बिछाया जाता है, और इस तमाशे को नाम दिया .. -
शहीदों की चिताओं पर हर बरस खेलेंगे क्रिकेट, कैण्डल मार्च भी एक बहाना होगा...
|हिमाचल के पालमपुर की सुन्दर पहाड़ियों में खेल कूद कर बड़ा हुआ था वो। एचपी यूनिवर्सिटी से बी.एससी किया और सीडीएस पास कर के भारतीय सैन्य अकादमी में चयनित हुआ और डेढ़ साल में कमीशंड हो कर कारगिल सेक्टर में तैनाती मिल गयी। लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया–४ जाट रेजिमेंट इन्फंट्री – अपनी माता और सीएसआईआर में वैज्ञानिक पिता का गौरव। उसके पिता डॉ कालिया ने कहा था कि आज तो मुझे गर्व है कि मेरा बेटा जा..
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दिल्ली, दामिनी और धारा 144 : भारत सरकार या तालिबान
|वाह जी वाह! यह 'हमारी' सरकार है। हमारे चुने हुए जन-'सेवक'। अभी चुनावों के दौरान जो अपने कथित युवा राजकुमार के नाम पर वोट मांगते नज़र आते हैं, आज युवाओं पर लाठियाँ भाँज रहे हैं। लड़कियों को ज़मीन पर घसीट रहे हैं, पीट रहे हैं !!
# इन मासूम युवाओं का कसूर क्या है?
# क्या महिलाओं के लिए सम्मान की मांग करना अपराध है?
# क्या बलात्कारियों का विरोध करना गुनाह.. -
रेप, बातचीत और टिंकू-जिया के बाद का सन्नाटा...
|दोस्त: “नहीं यार कल नहीं मिल सकता ... कल उस रेप विक्टिम के लिए प्रोटेस्ट करने जाना है ”
मैं: “ओह अच्छा .. लेकिन सभी अपराधी तो पुलिस ने दो दिन में पकड़ भी लिए .. तो अब किस लिए प्रोटेस्ट कर रहे हो?”
दोस्त: “पकड़ने से क्या होता है .. फाँसी होनी चाहिए .. कानून बनने चाहिए .. ऐसे थोड़ी चलता है ..”
मैं: “अच्छा .. क्या कानून हैं अभी?&r..
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थोरियम घोटाला : पड़ताल एक कदम आगे ...
|पूर्व लेख में मुख्यतः इस घोटाले की 'परिकल्पना' बतायी गयी थी, पृष्ठभूमि समझाई गयी थी, बताया गया की कैसे अत्यधिक सुनियोजित, सामरिक रूप से अत्यंत संवेदनशील एवं राष्ट्र-कल्याणकारी योजना अंतराष्ट्रीय षड्यंत्रों का शिकार बनी। अब इस षडयंत्र को कैसे क्रियांवित किया आया गया इसकी बात करते हैं। किंतु उसके पूर्व इस घोटाले के अर्थशास्त्र पर पुनः दृष्टि डालते हैं- ४८ लाख करोड़ की हानि का जो आकलन अभ..
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अनाथ महिलाओं का आदर्श परिवार ‘अबलाश्रम’
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अन्ना नहीं छोड़ना चाहते रामलीला मैदान, प्रशांत भूषण इसके खिलाफ
शनिवार को संसद के दोनों सदनों में लोकपाल पर सार्थक बहस और प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे आज रविवार को दस..
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तेलंगाना के लिए बसें, ऑटो रिक्शा सब बंद, 48 घंटों का रेल-रोको आंदोलन शुरु
आंध्र प्रदेश में अलग तेलंगाना राज्य के समर्थन में पिछले 12 दिनों से चल रही अनिश्चित काल की हड़ताल के तहत शनिवार से 48 घंटो..
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हर दिन 290 करोड़ लीटर सीवेज करता है गंगा को मैला
हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि कलियुग के ५००० (5000) वर्षों बाद गंगा नहीं रहेगी। चाणक्य नीति में भी इसका उल्लेख है। कलि..
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दिल्ली में काले धन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव पर स्याही फेंकी
दिल्ली के कंस्टिट्यूशन क्लब में शनिवार को काले धन पर प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करने आये बाबा रामदेव पर एक व्यक्ति ने काल..
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सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
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वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
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आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
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अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
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सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
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नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
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न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
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पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
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वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
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जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
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मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
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