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चिदंबरम को छोड़ें, पहले खुद को बचाएं प्रधानमंत्री, टेलीकॉम घोटाला
टेलीकॉम घोटाले की तलवार देश के गृह मंत्री पी चिदंबरम पर झूल रही है। सत्ता के गलियारों में चिदंबरम के इस्तीफे को लेकर कयासों के दौर जारी हैं। उधर बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि चिदंबरम टेलीकॉम घोटाले में पूरी तरह से शामिल थे इसलिए उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जाना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि पीएम की चुप्पी का मतलब है कि इस पूरे मामले में उनकी पूरी मंजूरी थी। सिन्हा ने कहा कि पीएम अब चिदंबरम को नहीं, बल्कि खुद को बचाएं। उन्होंने ये भी कहा है कि पीएम के खिलाफ सीबीआई जांच होनी चाहिए।
बीजेपी के मुताबिक इस पूरे मामले में पीएम बराबर जिम्मेदार हैं। बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा कि पूर्व संचार मंत्री दयानिधि मारन की पीएम को लिखी चिट्ठी पर मनमोहन सिंह को सामने आकर जवाब देना चाहिए। ये पूरा डीएमके का नहीं बल्कि कांग्रेस का घोटाला है। प्रधानमंत्री को राजा और मारन चिट्ठी भेज रहे थे। ऐसे में वो चाहते तो रोक सकते थे। चिदंबरम दोषी हैं तो पीएम भी उतने ही दोषी हैं। आखिर क्यों पीएम ने जीओएम के मुद्दों से प्राइसिंग को बाहर निकाला।
उधर, टेलीकॉम घोटाले में चिदंबरम को लेकर सरकार में मचे घमासान पर केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने सफाई दी है। पीएमओ के राज्यमंत्री सामी ने कहा है कि मंत्रियों के बीच किसी भी बात को लेकर मतभेद नहीं है। न ही किसी तरह की कोई दरार है। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की निष्ठा पर एक प्रतिशत भी शक नहीं किया जा सकता।
बीजेपी के आरोपों पर संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने भी वार किया है। बंसल ने कहा है कि बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही है। बंसल ने बीजेपी को नसीहत दी है कि पूरी बात जाने बिना बोलना नहीं चाहिए। उधर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। येचुरी ने कहा कि टेलीकॉम घोटाले में जिन बातों की आशंका थी, अब वो सही साबित हो रही हैं।
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