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बलूचिस्तान बने स्वतंत्र, संप्रभु राष्ट्र : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान की जबर्दस्त फजीहत हो रही है।
अमेरिका की संसद (प्रतिनिधि सदन) में कुछ महत्वपूर्ण सांसदों ने एक
ऐसा विधेयक पेश कर दिया है, जो मांग कर रहा है कि बलूचिस्तान को
पाकिस्तान से अलग होने का अधिकार दिया जाए। बलूचिस्तान को अब एक
स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र की तरह उभर आना चाहिए। यह प्रस्ताव अभी
पारित नहीं हुआ है और इसके पारित होने की कोई संभावना भी नहीं है
लेकिन इस प्रस्ताव ने पाकिस्तान के पसीने छुड़वा दिए हैं। कहां तो
पाकिस्तान कश्मीर को झपटवाने में लगा रहता था और अब कहां बलूचिस्तान
उसके गले पड़ गया है। अमेरिकी प्रस्ताव के कारण अब बलूचिस्तान पर सारी
दुनिया का ध्यान जाने लगेगा।
इस मुद्दे पर पाकिस्तान की पूरी संसद एक हो गई है। क्या यह अजूबा नहीं
कि प्रतिपक्ष के नेता निसार अली खान ने उक्त कदम के विरूद्ध निंदा
प्रस्ताव रखा और वह सर्वसम्मति से पास हो गया? पाकिस्तानी
प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने अमेरिकी प्रस्ताव को पाकिस्तान की
संप्रभुता पर सीधा प्रहार बताया है। इस प्रस्ताव में ओबामा प्रशासन ने
अपने आप को अलग कर लिया है। उसके प्रवक्ता ने कहा है कि रिपब्लिकन
पार्टी के कांग्रेसजनों के लाए गए इस प्रस्ताव से सरकार का कुछ
लेना—देना नहीं है।
पाकिस्तानी नेतागण अमेरिका से इतने दबे हुए हैं कि वे बस घिघिया रहे
हैं। पलट कर वार नहीं कर रहे हैं। वे यह नहीं पूछ रहे हैं कि अगर वे
इसी तरह का प्रस्ताव पाकिस्तानी संसद में अमेरिका के बारे में पास कर
दें तो कैसा रहे? क्या कुछ सांसद ह्यूस्टन या फ्लोरिडा को अमेरिका से
अलग करने का प्रस्ताव अपनी संसद में रख सकते हैं? यह शब्द मजाक है,
लेकिन बलूचिस्तान पर पाकिस्तान ने इतने ज्यादा जुल्म ढाए है कि
अमेरिकी संसद की सुनवाई में जैसे ही उसका नाम आया, इस्लामाबाद के
रोंगटे खड़े हो गए।
जाहिर है कि ब्लूचिस्तान के नेतागण बेहद खुश है, खासतौर से नवाब अकबर
बुग्ती की हत्या 2006 में मुशर्रफ ने करवाई थी। बलूच नेताओं के जीवट
को दाद देनी होगी कि उन्होंने अमेरिकी सांसदों को इतना प्रभावित कर
लिया कि वे बलूचिस्तान की आजादी का प्रस्ताव ले आए।
साभार : डॉ. वेदप्रताप वैदिक (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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