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माया ने कांग्रेस को दलितों का सबसे बड़ा दुश्मन बताया
नई दिल्ली यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख बसपा सुप्रीमो व
मुख्यमंत्री मायावती ने दलित वोट बैंक को चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया
है। उन्होंने कांग्रेस को दलितों की सबसे बड़ी दुश्मन बताते हुए कहा
कि वह (कांग्रेस) किसी भी हद तक जा सकती है। झांसा देने के लिए दलित
समुदाय की मीरा कुमार या फिर सुशील कुमार शिंदे को चुनाव के पहले कुछ
समय के लिए प्रधानमंत्री भी बना सकती है। दलितों को भ्रम में न आने के
प्रति आगाह करने के साथ ही कांग्रेस को चुनौती भी दी, कि वह किसी भी
दलित को चुनाव से पहले पीएम बना दे, लेकिन अंबेडकर व कांशीराम की
विचारधारा वाला दलित वोट बैंक उनके लालच में आने वाला नहीं है।
नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन के उद्घाटन
मौके पर उन्होंने कहा, कांग्रेस ने 38 वर्षों तक केंद्र व यूपी में
राज किया, पर दलितों के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि डा.अंबेडकर व
कांशीराम जैसे महापुरुषों के स्मारक के लिए दिल्ली में यमुना किनारे
जमीन तक नहीं दी, जहां नेहरू-गांधी परिवार के तमाम के स्मारक हैं।
उन्होंने कांग्रेस को दलित विरोधी मानसिकता वाला बताते हुए कहा, इस
पार्टी ने जगजीवन राम को कभी पीएम नहीं बनने दिया। दलित वोट बैंक को
तोड़ने के लिए तमाम प्रयास किये हैं। बसपा प्रमुख ने सोनिया गांधी पर
व्यक्तिगत हमला बोला और कहा, केंद्र में राजग सरकार के दौरान आठ
अक्टूबर 2003 को ताज कारिडोर मामले में सीबीआइ ने मेरे व रिश्तेदारों
के यहां छापा मारा। तब सोनिया ने उन्हें फोन करके कहा था भाजपा गलत कर
रही है, कांग्रेस की सरकार बनी तो न्याय दिलाएंगी।
2004 से केंद्र में कांग्रेस की सरकार है, पर न्याय नहीं दिला रही है।
यहां तक कि आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर विभाग की क्लीन चिट के
बावजूद सीबीआइ के जरिए मुझे फंसा रखा है। माया ने भाजपा को भी नहीं
बख्शा और कहा, आडवाणी की यात्रा आंख में धूल झोंकने व पार्टी में
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी मजबूत करने के लिए है। बेहतर होता वह
यात्रा कर्नाटक से शुरू करते। उन्होंने अपने भाषण में सपा के राजनीतिक
वजूद को कोई तवज्जो ही नहीं दी। सिर्फ इतना कहा, कांग्रेस व सपा को
मेरे बारे में भ्रष्टाचार पर बात करने के पहले खुद के गिरेबॉन में
झांककर देखना चाहिए।
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