कहते है जितनी विविधताएँ हमारे देश में हैं, उतनी विश्व के किसी भी देश में नहीं है। बोली, भाषा, खानपान, वेशभूषा से लेकर गी..
मेट्रो में अनाउंस हुईं सहेलियों की बातें, गुड़गांव-राजीव चौक मेट्रो
अमित मिश्रा।। नई दिल्ली || ' अगला स्टेशन ..... है, दरवाजों से हटकर खड़े हों' जैसी आवाजें मेट्रो के पैसेंजरों के लिए आम हैं, लेकिन गुरुवार को कोच में आ रही आवाजों से लोग हैरान रह गए। अनाउंसमेंट के साथ-साथ अपनी फ्रेंड से बात कर रही लड़की की आवाज भी सुनाई देने लगी। पर्सनल बातें सुनकर लोग चौंके जरूर, लेकिन दिलचस्पी लेकर कान उधर ही लगा लिए। किसी के चेहरे पर मुस्कराहट तैर गई, तो किसी के चेहरे पर शर्म।
इस वाकये का सबब थी, मेट्रो की को-पायलट की नादानी। किस्सा गुड़गांव और राजीव चौक के सफर के दौरान गुजरा। हुआ कुछ यूं कि मेट्रो की को-पायलट अपने मैनुअल माइक को बंद करना भूल गई और मोबाइल पर फ्रेंड से बातें करने लगी। उनकी बातों का चटखारा पूरी ट्रेन में पहुंचने लगा। बातें लिपस्टिक के शेड्स से शुरू होकर कपड़ों के कलर कॉम्बिनेशन तक पहुंच गईं।
इस बात का भी जिक्र हो गया कि किस सहेली की कौन सी आदत बहुत ही बुरी है और पिछली आउटिंग पर लड़कियों ने कितना मजा किया! इस गलती से अनजान को-पायलट बिना लाग-लपेट के बातें किए जा रही थी, जिन्हें पैसेंजर भी लगातार सुन रहे थे। हालांकि उन्हें पहले तो कुछ समझ नहीं आया, लेकिन फिर वे भी बातों में दिलचस्पी लेने लगे। कई मनचले पैसेंजरों ने तो पूरा ध्यान ही उनकी बातों पर लगा दिया, जबकि बुजुर्गों के चेहरे पर यह फिक्र दिखी कि बातों का सिलसिला आखिर कहां तक जाएगा।
बहरहाल, महिला डिब्बे की एक पैसेंजर खासी जागरूक निकली। उसने ड्राइवर का दरवाजा खटखटाया और ट्रेन रुकने पर पूरा माजरा बयां किया। ड्राइवर को भी एकबारगी कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जब समझा, तो झेंपा भी और सकपका भी गया। इसके बाद, कोच में भी सब नॉर्मल हो गया।
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