ऋषि भूमि, राम भूमि, कृष्ण भूमि, तथागत की भूमि... भारत के गौरवशाली अतीत को यदि शब्दों में एवं वाणी में कालांतर तक भी बांधने..
इंडियन क्रिकेटरों के भी स्विस बैंक में खाते? रूडोल्फ एमर का खुलासा

स्विस बैंक में ब्लैक मनी जमा करने के मामले में राजनेताओं के साथ-साथ अब इंडियन क्रिकेटरों और बॉलिवुड स्टार्स के भी नाम आ रहे हैं। स्विस बैंक के पूर्व कर्मचारी और केमन आइलैंड के हेड रह चुके रूडोल्फ एमर ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि भारत सरकार ब्लैक मनी के मामले में गंभीर नहीं है।
रूडोल्फ का दावा है कि स्विस बैंकों में भारतीय क्रिकेटरों और फिल्म जगत के सितारों के भी गोपनीय खाते हैं। उन्होंने कहा कि कई भारतीय कंपनियां और धनी भारतीय जैसे क्रिकेटर, फिल्म स्टार्स केमन आइलैंड में टैक्स बचाने के लिए अकाउंट रखते थे। हालांकि उन्होंने किसी का नाम सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। रूडोल्फ ने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, क्योंकि इससे बड़ी मुसीबत में फंस जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा देश है और वहां के समाज को सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि ऐसे लोगों को बेनकाब करे। अगर सरकार चाहे तो यह बहुत आसान है, लेकिन इसके लिए कमिटमेंट की जरूरत है।
स्विस कानूनों को तोड़ते हुए रूडोल्फ ने कुछ दिन पहले स्विटजरलैंड के बैंक के 2000 खातों की जानकारी विकिलीक्स के फाउंडर जूलियन असांज को को एक सीडी दी थी। इसमें स्विटजरलैंड के बैंकों में खाता रखने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और एशिया के राजनेताओं और उद्योगपतियों के नाम हैं। रूडोल्फ के इस कदम से तहलका मच गया था। इसके लिए उन्हें कुछ दिन जेल में भी रहना पड़ा।
रूडोल्फ ने स्विस बैंक में करीब 20 साल तक काम किया है और वह एक बार केमन आइलैंड में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं। एक बार उन्होंने कहा था कि स्विस बैंक अपने क्लाइंट्स के लिए टैक्स बचाने में मदद कर रहा है।
क्या रामदेव इतना भी नहीं जानते, कि बांग्लादेशियों पर पहला हक कांग्रेस का ही है…?
Share Your View via Facebook
top trend
-
भारतीय भाषाओँ के विरुद्ध षड़यंत्र : भारत का सांस्कृतिक पतन
-
आखिर इतनी कट्टरता क्यों और कैसे?
यह घटना आज़मगढ़, मुर्शिदाबाद या मलप्पुरम जैसे मुस्लिम बहुल इलाके की नहीं है, बल्कि यह हृदयविदारक और वीभत्स घटना इंग्लैण्ड ..
-
संतों के श्राद्ध क्यों नहीं किये जाते हैं ?
इस विषय को समझने के लिए सर्वप्रथम हम यह जान लेते हैं कि मृत्यु के पश्चात क्या होता है ? सर्वप्रथम हम अध्यात्म शास्त्..
-
राहुल से नहीं थी उम्मीद, प्रियंका पर दांव लगाना चाहती थी कांग्रेस
एक अमेरिकी केबल की मानें तो छह साल पहले तक कांग्रेस और गांधी परिवार में प्रियंका गांधी को राहुल गांधी से ज्यादा तेज त..
-
हिन्दू-मन्दिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण तथा सम्पत्ति को खर्च करने का षड़यंत्र?
हिन्दुओं के मन्दिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण करना तथा उसकी सम्पत्ति को गैर हिन्दुओं के ऊपर खर्च करना हिन्दू समाज के ऊपर..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)