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कलाम के जूते उतरवाने को हिलेरी ने ठहराया था जायज, भारत को दी थी धमकी
अमेरिका ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की
तलाशी को जायज ठहराया था जब वह कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस के विमान पर सवार
होने से पहले उनकी जांच की गई थी। यही नहीं अमेरिकी विदेश मंत्री
हिलेरी क्लिंटन ने धमकी भी दी थी कि यदि आगे ऐसी जांच में रुकावट डाली
गई तो अमेरिका भारत से अमेरिका जाने वाली सभी नॉन-स्टॉप विमानों की
आवाजाही रोक देगा। खोजी वेबसाइट विकीलीक्स के गोपनीय संदेश से यह
खुलासा हुआ है। क्लिंटन ने यह गोपनीय संदेश 27 नवंबर 2009 को नई
दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास को भेजा था।
21 अप्रैल 2009 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे
पर पूर्व राष्ट्रपति कलाम को एक आम आदमी की तरह सिक्योरिटी चेक से
गुजरना पड़ा था। कलाम को कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस की फ्लाइट से नेवाक जाना
था। कॉन्टिनेंटल एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ ने सुरक्षा का हवाला देते
हुए कलाम की पूरी जांच की। यही नहीं उनका मोबाइल, पर्स और जूते उतार
कर चेकिंग कराने के लिए भी कहा गया। पूरी तरह जांच करने के बाद ही
कलाम को प्लेन में सवार होने की इज़ाजत दी गई। कलाम को चेक करने की ये
पूरी कवायद प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर की गई।
नियमों के मुताबिक देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और पूर्व प्रमुखों
को एयरपोर्ट पर किसी भी तरह के सिक्योरिटी चेक से नहीं गुजरना होता।
जबकि अमेरिका ने अपने ट्रांसपोर्टेशन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन
(टीएसए) के नियमों का हवाला देते हुए कलाम की तलाशी को जायज ठहराया था
जिसके तहत विमान में सवार होने से ठीक पहले एयरोब्रिज पर सुरक्षा जांच
करना जरूरी है। हर एयरलाइन इस नियम का पालन करती है और इसमें किसी तरह
की ढील नहीं दी जा सकती।
क्लिंटन ने अमेरिकी दूतावास से कलाम के मामले को भारत के सामने रखने
पर जोर देते हुए कहा था, ‘अमेरिका की सुरक्षा को चिंता के मद्देनजर
टीएसए ने सिर्फ मौजूदा राष्ट्र प्रमुखों को ऐसी जांच प्रक्रिया से
मुक्त रखा है। टीएएस के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले विमानों को
अमेरिका में घुसने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’
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