आज भी भारत में ऐसे कई स्थान और बस्तियॉं है जहॉं डॉक्टर नहीं है, और कहीं है भी तो वहॉं का खर्चा उन क्षेत्रों के गरीब लोगों ..
एक-एक योग की प्रक्रिया और एक-एक जड़ी-बूटी पर हमारे पूवर्जों ने,
ऋषि-मुनियों ने करोड़ों-लाखों व हजारों वर्षों तक निरन्तर शोध व
अनुसंधान किया तथा उस जड़ी-बूटी से होने वाले लाभों के बारे में हमें
बताया।
प्रारम्भ : तीन बार ॐ का लम्बा उच्चारण करें।
गायत्री-महामन्त्र : ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।
महामृत्युञजय-मन्त्र : ॐ ´यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माsमृतात्।।
संकल्प-मन्त्र : ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह
वीर्यं करवावहै। तेजस्वि नावधीतमस्तु। मा विद्विषावहै।
प्रार्थना-मन्त्र : ॐ असतो मा सद् गमय। तमसो मा
ज्योतिर्गमय। मृत्योर्माsमृतं गमय। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।
सहज-व्यायाम : यौगिक जोगिंग के 12 अभ्यास (समय-लगभग
5 मिनट)
सूर्य-नमस्कार : 3 से 5 अभ्यास (समय- 1 से 2
मिनट)
भारतीय-व्यायाम : मिश्रदण्ड अथवा युवाओं के लिये
बारह प्रकार की दण्ड व आठ प्रकार की बैठकों का पूर्ण अभ्यास (समय-लगभग
5 मिनट)
मुख्य-आसन : बैठकर करने वाले आसन-मण्डूकासन, (भाग 1
व 2) शशकासन, गोमुखासन, वक्रासन, पेट के बल लेटकर करने वाले
आसन-मकरासन, भुजंगासन, (भाग 1, 2 व 3) शलभासन (भाग 1, 2),
पीठ के बल लेटकर करने वाले आसन : मर्कटासन- (1, 2,
3) पवनमुक्तासन (भाग 1 व 2) अर्द्धहलासन , पादवृत्तासन,
द्वि-चक्रिकासन (भाग 1 व 2) व शवासन ( योगनिद्रा)। (समय-10 से 15
मिनट, प्रत्येक आसन की आवृति 3 से 5 अभ्यास)
सूक्ष्म-व्यायाम : हाथों, पैरों, कोहनी, कलाई, कंधों
के सूक्ष्म व्यायाम व बटर∂लाई इत्यादि लगभग 12 प्रकार के सूक्ष्म
व्यायाम, प्राणायाम के पहले अथवा बीच में भी किये जा सकते हैं।
प्रत्येक अभ्यास की आवृति 5-१० अभ्यास (समय -लगभग 5
मिनट)
मुख्य-प्राणायाम एवं सहयोगी क्रिया :
1. भस्त्रिका-प्राणायाम: लगभग 5 सेकण्ड में
धीरे-धीरे लम्बे गहरे श्वास लेना व छोड़ना - कुल समय 3 से 5 मिनट।
2. कपालभाति-प्राणायाम: 1 सेकण्ड में एक बार झटके के
साथ श्वास छोड़ना- कुल समय- 15 मिनट।
3. बाह्य-प्राणायाम: त्रिबन्ध के साथ श्वास को
यथाशक्ति रोककर रखना- 3-5 अभ्यास।
4. अग्निसार-क्रिया: मूल-बन्ध के साथ पेट को अन्दर
की ओर खींचना व ढीला छोड़ना - 3-5 अभ्यास।
5. उज्जायी प्राणायाम: गले का आकुञचन करते हुए श्वास
लेना व बाईं नासिका से छोडना -3-5 अभ्यास ।
6. अनुलोम-विलोम प्राणायाम: दाईं नासिका बन्द करके
बाईं से श्वास लेना व बाईं को बन्द करके दाईं से श्वास छोड़ने का
क्रम- एक क्रम का समय 10 सेकण्ड -कुल अभ्यास समय-15 मिनट।
7. भ्रामरी-प्राणायाम: आँखों व कानों को बन्द करके
नासिका से भ्रमर की तरह गुंजन करना 3-7 अभ्यास
8. उद्गीथ-प्राणायाम: दीर्घ स्वर में ओम का उच्चारण
करना 3 से 7 अभ्यास।
9. प्रणव-प्राणायाम (ध्यान): आँखें बन्द करके, ध्यान
मुद्रा में ध्यान करना -समय- 1 मिनट।
देशभक्ति-गीत : समय लगभग 2 मिनट
स्वाध्याय व चिन्तन : जीवन दर्शन, व्यवस्था-परिवर्तन
या हमारे सपनों का भारत पुस्तिका का वाचन (समय- 2 से 5 मिनट)
एक्यूप्रेशर : समय की उपलब्धता अनुसार।
समापन : सिंहासन, हास्यासन, 3-3 अभ्यास (समय- 2
मिनट)
शान्ति-पाठ : ॐ द्यौः, शांति-रंतरिक्ष शांतिः
पृथवी,.. शांति-राप,.. शांति-रोषधयः शांति वनस्पतयः,
शांति-विश्वेदेवा, शांति-ब्रह्मा, शांति सर्वा शांति शांति-रेव, शांति
सा मा शांति रेधि ॐ शांति, शांति, शांति
विशेष : योगाभ्यास के क्रम में व्यायाम,
सूक्ष्म-व्यायाम व आसनों को पहले या बाद में भी किया जा सकता है।
शीतकाल में व्यायाम व आसन पहले तथा प्राणायाम बाद में एवं ग्रीष्म काल
में प्राणायाम पहले करवाकर व्यायाम व आसन बाद में कर सकते हैं।
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