अन्ना आंदोलन से उभरी मांगें पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जात..
गुजरात काँग्रेस के दुष्प्रचार, चुनाव आयोग मे शिकायत दर्ज
गुजरात काँग्रेस अपने ही झूठ के जाल मे फँसती नज़र आ रही है। गुजरात
विधानसभा चुनाव मे काँग्रेस द्वारा जारी भ्रामक विज्ञापनों के चलते
भगत सिंह क्रांति सेना ने काँग्रेस के विरुद्ध जनता से झूठ बोलने,
दुष्प्रचार करने और चुनाव प्रचार मे घटिया हथकंडे अपनाने का आरोप
लगाते हुए चुनाव आयोग मे शिकायत दर्ज कराई है।
ज्ञातव्य है कि गुजरात विधानसभा चुनाव मे काँग्रेस के प्रचार (या
दुष्प्रचार) अभियान के तहत कुपोषण का हवाला देते हुए जो विज्ञापन
बनाया गया उसमे प्रयुक्त तस्वीर गुजरात के नहीं अपितु श्रीलंका के एक
कुपोषित बच्चे की है और संयुक्त राज्य अमेरिका की पार्लियामेंट में
2009 मे प्रस्तुत ‘श्रीलंका ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन’ रिपोर्ट से ली गयी
है या स्पष्ट शब्दों मे कहें तो चुराई गई है।
इधर काँग्रेस ने विज्ञापन विवाद पर हास्यास्पद प्रतिक्रिया देते हुए
कहा है कि यह चित्र प्रतीकात्मक है। क्या बात है! यदि प्रतीकात्मकता
के ऐसे अनूठे प्रयोग होने लगे तब तो विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र का
भगवान ही मालिक है। हो सकता है कि अपनी इस ‘कल्पनाशील प्रतीकात्मकता’
के चलते काँग्रेस आने वाले लोकसभा चुनाव मे भारत के विकास के नाम पर
संयुक्त राज्य अमेरिका की तस्वीरें चिपकाने लगे?
सवाल उठता है कि आम आदमी के साथ होने का दावा करने वाली काँग्रेस को
आखिर इस ‘प्रतीकात्मक’ तस्वीर की आवश्यकता ही क्यों पड़ी? यदि सच में
गुजरात कुपोषण से झूझ रहा होता (जैसा कि काँग्रेस का दावा है) तब तो
उन्हे सच्चाई दिखाने के लिए गुजरात के ही किसी कुपोषित बालक का चित्र
प्रयोग करना चाहिए था। क्या हुआ? लगता है कि काँग्रेस के नेता मोदी जी
की आलोचना मे इतने व्यस्त हैं कि उनके पास आम गुजरातियों से मिलने और
उनकी तस्वीरे लेने तक की फुर्सत नहीं! स्पष्ट है कि काँग्रेस को
अपने झूठे दावों के अनुरूप कोई तस्वीर मिली ही नहीं क्योंकि
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई जनकल्याण और स्वास्थ्य
योजनाओं की सहायता से गुजरात से भूख, कुपोषण और बीमारियों का उन्मूलन
किया जा रहा है और लाखों बच्चों की जानें बचायी गई हैं। भाजपा सरकार
के सुशासन के चलते आज पूरा विश्व गुजरात के विकास की गाथा की प्रशंसा
कर रहा है। यहाँ तक कि गुजरात काँग्रेस के कई नेताओं ने स्वयं
मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए उन्हे विकास पुरुष बताया।
ऐसे मे केवल चुनाव जीतने के लिए काँग्रेस द्वारा झूठ का सहारा लेकर
जनता को मूर्ख बनाने का घृणित प्रयास अत्यंत निंदनीय है। आश्चर्य है
कि चुनाव प्रचार हेतु मोदी जी द्वारा 3D तकनीक का प्रयोग करने मात्र
पर हाय-तौबा मचाने वाले बुद्धिजीवी काँग्रेस की धोखाधड़ी पर चुप्पी
साधे बैठे हैं आशा है कि लोकतन्त्र के सम्मान की रक्षा हेतु चुनाव
आयोग काँग्रेस की इस धोखाधड़ी के खिलाफ कडे कदम उठाएगा।
Share Your View via Facebook
top trend
-
छत्तीसगढ़ सरकार पर अन्ना का प्रभाव: समय पर काम नहीं तो होगी सजा
-
संघ और भाजपा में दम है तो रोके सांप्रदायिक हिंसा बिल : सलमान खुर्शीद
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एन.ए.सी) क..
-
वरुण के क्षेत्र पहुँचे राहुल, प्रत्याशी ने कहा नहीं लडूंगा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव
उत्तर प्रदेश की चुनावी धूल फाँक रहे राहुल गाँधी को पीलीभीत में विचित्र परिस्थिति से दो-चार होना पड़ा। कांग्रेस ने पीलीभीत ..
-
सुरक्षा सलाहकार के सुझाव दरकिनार, सस्ते आयात के कारण अर्थव्यवस्था पर खतरा
अंशुमान तिवारी, नई दिल्ली चीन से सस्ते आयात के कारण अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने को लेकर केंद्र सरकार गहरे अ..
-
प्रशांत भूषण पर हमले के बाद दिग्विजय सिंह को निशाना बनाने के संकेत?
नई दिल्ली. प्रशांत भूषण के बाद क्या दिग्विजय सिंह पर हमला हो सकता है? एक ट्वीट में इसके संकेत दिए गए हैं। सोशल न..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)