गुजरात के मुसलमानों ने विकास को नहीं विचार को वोट दिया है - सैय्यद रफीक लिमडावाला

Published: Friday, Jul 06,2012, 15:27 IST
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गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की जीत एक संयोग नहीं है। गुजरात के मुसलमानों ने केवल विकास यात्रा को ही नहीं अपितु विचारयात्रा को भी वोट दिया है। गुजरात नगरपालिका चुनावों में मुस्लिम बहुल इलाकों से मुस्लिम प्रत्याशी तो जीते ही मगर उनके साथ पैनल के बहुसंख्यक प्रत्याशी भी भारी मतों से जीते। हर एक राष्ट्रवादी को खुश होने का कारण मिला। आज तक कांग्रेस की सर्प-कुंडली से मुस्लिम समाज मुक्त नहीं हो पा रहा था तथा यह अत्यंत चिंता का विषय था किन्तु आदरणीय अटलबिहारी वाजपेयी जी के बोए हुए कुछ बीज आज पौधे बनते देख मन अति आनंद से झूम रहा है।

२००२ की दुखद घटना के बाद २००४ के चुनाव होने जा रहे थे। उस वक़्त दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में एक राष्ट्रीय मुस्लिम सम्मलेन आयोजित किया गया। उस सम्मलेन में अटल जी ने राष्ट्र के मुसलमानों को एक आहवान किया और कहा- "एक क़दम तुम चलो, एक क़दम हम चलें" किन्तु उस समय अटल जी की वह राष्ट्रप्रेम भरी पुकार, छद्म धर्मनिरपेक्षता के कोलाहल में दबकर रह गई थी क्योंकि उस समय गुजरात के दंगो का ठीकरा बीजेपी के माथे पर फोड़ने की मुहीम कुछ अधिक उफान पर थी। आज २०१२ के आने तक बीजेपी को सांप्रदायिक साबित करके कांग्रेस और भारत विरोधी शक्तियां भारत को कमजोर करने का एक पल भी गंवाना नहीं चाहती थी मगर गुजरात का मुसलमान हर एक परिस्थिति पर नजर बनाये हुए सभी का मूल्यांकन कर रहा था। गौर करने वाली बात यह है कि यह वह गुजराती मुसलमान है जो सारे विश्व में व्यापारी के तौर पर अपनी शाख और झंडे गाड चुका है।

आप विश्व के किसी भी देश में चले जाएँ, आपको गुजराती व्यापारी सेठ मुसलमान अवश्य मिलेगा। मैं उदाहरण दे सकता हूँ लेकिन यहाँ विषयांतर हो जायेगा। पते की बात यह कि गुजरात के जिम्मेदार मुसलमानों ने गुजरात की बदलती स्थिति को गौर से देखा और मूल्यांकन किया।
आज समस्त भारत में सबसे अधिक समृद्ध केवल गुजराती मुसलमान ही नज़र आ रहा है। गर कौम को अपनी हालत बदलनी है, खासकर मुसलमानों को। तो राष्ट्र में मुस्लिम हितैषी होने का दावा करने वाली किसी भी राजनैतिक पार्टी का चुनाव कर फिर से आत्म मंथन करना चाहिए। दोस्तों, समस्त भारत में सबसे अधिक समृद्ध गुजराती मुस्लिम पागल तो नहीं है न ही मूर्ख है क्योंकि पागल और मूर्ख न तो अपना भला कर सकते हैं, न अपने परिवार का ...

गत ५० वर्षों से सत्तारूढ़ दलों की मुस्लिम-विकास की नीयत और पिछले १५ सालों से स्थिरता से चल रही और सम्पूर्ण जनाधार वाली भारतीय जनता पार्टी की यदि तुलना करें तो आप बाकि दलों के झूठे वादों और बीजेपी के सच्चे व ईमानदार विकास कार्यों में स्पष्ट अंतर देख सकते हैं। उसमें भी आदरणीय भाई नरेन्द्रभाई ने जब से गुजरात मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली तब से लेकर आज तक बिना पक्षपात के गुजरात के साढ़े पांच करोड़ गुजरातियों के विकास के लिए न आव देखा न ताव; बस मेरा गुजरात, मेरे गुजराती, मेरा राष्ट्र और कुछ जिन्हें सूझता ही नहीं है ऐसे पूर्ण समर्पित बीजेपी के एक आदर्श कार्यकर्ता नरेन्द्रभाई ने जिस तेजी से गुजरात को हर एक क्षेत्र में नंबर १ बनाने की खुद ने तो ठान ही ली है, साथ ही हर एक गुजराती को इस मुहीम में ऐसे जोड़ दिया है कि गुजरात का हर एक व्यक्ति गुजरात के माध्यम से भारत वर्ष को महासत्ता बनाने में अपना योगदान देने के लिए तत्पर हो रहा है।

 गौर करने वाली बात यह है कि यह वह गुजराती मुसलमान है जो विश्व व्यापारी के तौर पर अपनी शाख और झंडे गाड चुका है, आप विश्व के किसी भी देश में आपको गुजराती व्यापारी सेठ मुसलमान अवश्य मिलेगा, मैं उदाहरण दे सकता हूँ लेकिन मेरा विषयांतर हो जायेगा गुजरात के जिम्मेदार मुसलमानों ने गुजरात की बदलती स्तिथि को गौर से देखा और मूल्यांकन किया।।। आदरणीय भाई नरेन्द्र मोदी ने जब से मुख्यमंत्री पद संभाला तभी से ले कर आज तक बिना पक्षपात साढ़े पांच करोड़ गुजराती के विकास के लिए। केवल एक ही राग अलापा, " मेरा गुजरात मेरे गुजराती मेरा राष्ट्र " ऐसे पूर्ण समर्पित भाजपा के एक आदर्श कार्यकर्ता नरेन्द्र भाई जिन्होंने गुजरात को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी रखने कि प्रतिज्ञा ली !! प्रत्येक गुजराती को इस मुहीम में ऐसे जोड़ दिया कि गुजरात का हर एक व्यक्ति गुजरात के माध्यम से भारत वर्ष को महासत्ता बनाने में अपना योगदान देने के लिए तत्पर हो उठा है।

गुजरात का मुसलमान अपने राष्ट्र प्रेम के लिए मशहूर है एवं मगरूर भी, क्योंकि गुजरात के मुसलमानों का राष्ट्र के विकास में एक बड़ा योगदान ही नहीं अपितु इसका बड़ा इतिहास मौजूद है।
गुजरात के व्यापारी मुसलमानों ने जब भाजपा द्वारा गुजरात के विकास की दानत और ताकत दोनों का जायजा लिया तब उन शहाबुद्दीन-परस्तों को, जो मुसलमानों को बेवक़ूफ़ समझते हैं, उन्हें कहा कि- "जब तक आप साथ थे आपने मुसलमानों को विकास के स्वपन अवश्य दिखाए परन्तु उन्हें पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया। वहीँ इसके उलट भाजपा (गुजरात) ने सदा ही मुस्लिम तुष्टिकरण का विरोध किया और आज भी उसका विरोध करेंगे।" जाति के आधार पर नहीं बल्कि आवश्यकताओं आधार पर, जन-जन का विकास कर राष्ट्र का समग्र विकास ही मुख्य लक्ष्य है, यह बात जब गुजराती मुसलमान के समझ आई तो परिणाम बता रहे हैं। गुजरात में जहाँ मुसलमान उम्मीदवार थे वहां उन्हें और जहाँ नहीं थे वहां भी मुसलमानों ने नरेन्द्र भाई को वोट देकर यह संकेत दिया कि गुजरात के साढ़े पांच करोड़ गुजराती आपके साथ हैं।साथ ही यह जोड़ना चाहूँगा कि मुसलमान वोटर की एक आदत है कि वह जल्दी से आते नहीं और जब आते हैं तो फिर कभी जाते नहीं।

गुजरात के मुसलमानों ने विकास को नहीं विचार को वोट दिया है

syed rafiq limdawala, bjp minority front, gujarat

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