पिछले लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह एकमात्र नेता थे जिन्होंने भाषा के प्रश्न को अपने चुनाव घोषणा-पत्र में रखा। जिस तरह दू..
नहीं चल रहा राहुल गाँधी का जादू, गुजरात में घटी युवा कांग्रेस सदस्यों की संख्या
भारत में राहुल गांधी का जादू खत्म हो रहा है? यह प्रश्न अब युवा
कांग्रेस में भी गंभीर हो गया है। भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के
सदस्यता अभियान को भारी झटका लगा है। इसके नए सदस्यों की संख्या
तेजी से गिरी है। यदि गुजरात में देखें तो इसमें एक-तिहाई कमी आई
है।गुजरात में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलनाडु और झारखंड
में भी आईवाईसी के सदस्यों की संख्या में भरी कमी हुई है।
पांच वर्ष पूर्व राहुल गांधी ने आईवाईसी की कमान संभाली थी।
उन्होंने आंतरिक लोकतंत्र और राजनीतिक चरित्र में बदलाव की बातें कर
काफी उम्मीदें जगाई थीं। परंतु गुजरात में हाल के सदस्यता अभियान
में मात्र 2.5 लाख लोग आईवाईसी से जोड़े जा सके हैं। 2010 में यह
संख्या दस लाख थी। झारखंड में आईवाईसी ने 2010 में करीब 3.5 लाख नए
सदस्य बनाए थे। हाल के अभियान में मात्र 35 से 40 हजार युवाओं ने
आईवाईसी से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई।
ये आंकड़े आईवाईसी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (31 मई) से पहले
आए हैं। संभव है, बैठक में इस मसले पर चर्चा हो। पार्टी के लिए उत्तर
प्रदेश बड़ी चिंता का कारण है, जहां अखिलेश यादव युवाओं के नए आईकॉन
के रूप में उभर रहे हैं और इतना ही नहीं आज अखिलेश बिल गेट्स के साथ
आज उनकी मीटिंग है। जैसा की ज्ञात है अखिलेश को उत्तर प्रदेश के चुनाव
में एक बड़े उभरते युवा के रूप में देखा गया था, जबकि राहुल गाँधी के
समर्थन कम विरोध में ऊँचे स्वर उठते दिखाए दिए हैं।
चाहें वह बिहार में युवाओं की आवाज़ [विडिओ] रही हो या उत्तर प्रदेश में उनका विरोध इन्टरनेट
पर की गए सर्वेक्षणों को आधार माने तो राहुल के हाल काफी बुरे हैं ...
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