मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने धर्मनिरपेक्षता का झंडा लेकर भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं पर कुठाराघात करने एवं उन्..
15 वर्ष में कांग्रेस की सबसे बड़ी हार, भाजपा को बढ़त
नई दिल्ली।। एमसीडी चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी ने अपनी
बादशाहत बरकरार रखी। अब तक आए रुझानों के मुताबिक बीजेपी तीनों निगमों
में सबसे आगे चल रही थी। कंवर सेन को छोड़कर बीजेपी की मेयर रजनी
अब्बी सहित सभी बड़े दिग्गज अपनी विजय पताका लहरा चुके थे। पूर्व मेयर
कंवर सेन विश्वासनगर से चुनाव हार गए हैं। एमसीडी में विपक्ष के नेता
जय किशन शर्मा भी चुनाव हार गए। उन्हें इंडियन नैशनल लोकदल के
उम्मीदवार किशन पहलवान ने शिकस्त दी।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर इस बार भी बीजेपी काबिज हो रही है। तीनों
निगमों की 272 सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक आए नतीजों
के मुताबिक तीनों जोन में बीजेपी काफी आगे चल रही है और उसने कांग्रेस
को काफी पीछे छोड़ दिया है। अविभाजित एमसीडी में बीजेपी के 164 पार्षद
थे, जबकि कांग्रेस के 67 और बीएसपी के 17 पार्षद थे। बीजेपी ने इन
चुनावों में दीक्षित सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को मुद्दा
बनाया, जबकि कांग्रेस एमसीडी प्रशासन में बीजेपी के भ्रष्टाचार को
मुद्दा बनाकर चल रही थी।
Share Your View via Facebook
top trend
-
उच्च न्यायालय ने ठुकराई पादरी समिति की गीता पढ़ाने का विरोध करने वाली याचिका
-
वेद, भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार
वेद क्या हैं? भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार, वेद हैं। सबको अपने में समाहित करने की हमारी प्रकृति और सबके लिए सदा ..
-
भला यह कैसी इकबाल बुलंदी : ०४ जून की काली रात का सच
4 जून को स्वामी रामदेव ने मुझसे पूछा था कि क्या ऐसा हो सकता है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करे ? मैंने उनसे कहा..
-
राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए इस्तेमाल किया गया : अन्ना समर्थक
जिस राजनीति को सारी गंदगी की जड़ बता रहे थे, अचानक उसी की ओर चल पड़ने के अन्ना के फैसले से बड़ी तादाद में उनके समर्थकों ..
-
निराधार बच्चों का बडा भाई : युथ फॉर सेवा
‘यूथ फॉर सेवा’ ये हिंदू सेवा प्रतिष्ठान की ऐसी निर्मिती है, जिसमे निराधार बच्चो को आधार, सम्मान और स्वावलंबी ब..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)