किसानों की आत्महत्या के कारण विदर्भ में दिनों दिन विधवाओं की
संख्या में होती जा रही है बढ़ोतरी।
इन..

नई दिल्ली। एक तेज रफ्तार मर्सिडीज कार ने सोमवार देर रात पश्चिमी
दिल्ली में मोटरसाइकिल पर सवार दो हवलदारों को टक्कर मार दी। इस घटना
में एक हवलदार की मौत हो गई जबकि दूसरे की हालत गंभीर बनी हुई है। यह
घटना पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके की है। कार चलाने वाले
युवक का नाम गुरदीप सिंह है और वह ग्रेटर कैलाश-1 का निवासी है। सिंह
दक्षिणी दिल्ली और गुड़गांव में कई रेस्तरां का मालिक है। गुरदीप ने
बी-1 ब्लाक के पास रात की गश्त पर चल रहे पुलिसकर्मियों की मोटरसाइकिल
को पीछे से टक्कर मारी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'दो हवलदार, दीपक [35] और अमित
[30] रात की गश्त पर थे। जैसे ही वे बी-1 ब्लाक के पास पहुंचे, तेज
रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। दीपक की मौके पर ही मौत हो गई
जबकि अमित बुरी तरह जख्मी है।' पुलिस ने बताया कि कार सवार दुर्घटना
के बाद मौके से फरार हो गया था लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया
गया। गुरदीप के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज कर लिया
गया है।

Share Your View via Facebook
top trend
-
केवल सत्रह वर्ष में 7 लाख, 50 हजार, 860 किसानों ने की आत्महत्या
-
सुरक्षा सलाहकार के सुझाव दरकिनार, सस्ते आयात के कारण अर्थव्यवस्था पर खतरा
अंशुमान तिवारी, नई दिल्ली चीन से सस्ते आयात के कारण अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने को लेकर केंद्र सरकार गहरे अ..
-
अब माता-पिता करेंगे मास्टर जी का मूल्यांकन, क्या और कैसे पढ़ा रहे हैं?
ठ्ठ राजकेश्र्वर सिंह, नई दिल्ली आपके बच्चे का भविष्य बनाने के लिए गुरुजी उसे क्या और कैसे पढ़ा रहे हैं? यह सब सिर्फ उनकी म..
-
सरकार ने उड़ाया मजाक, कहा शहरों में 965 रुपये और गांवों में 781 रुपये प्रति महीना खर्च करने वाला गरीब नहीं
योजना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि खानपान पर शहरों में 965 रुपये और गांवों में 781 रुपये प्रति महीना खर्च करने वाल..
-
भारत ने मिसाइल रक्षा कवच विकसित किया, अमेरिका, रूस और इजरायल के समूह में शामिल
नई दिल्ली। भारत ने मिसाइल रक्षा कवच [मिसाइल डिफेंस शील्ड] विकसित कर लिया है जिसे कम से कम दो शहरों को बचाने के लिए कम सम..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)