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वरुण के क्षेत्र पहुँचे राहुल, प्रत्याशी ने कहा नहीं लडूंगा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव
उत्तर प्रदेश की चुनावी धूल फाँक रहे राहुल गाँधी को पीलीभीत में विचित्र परिस्थिति से दो-चार होना पड़ा। कांग्रेस ने पीलीभीत के बड़खेरा विधानसभा क्षेत्र से वी एम सिंह को पार्टी का प्रत्याशी बनाया था। ये वही व्यक्ति हैं जिन्हें कांग्रेस ने २००९ के लोकसभा चुनाव में वरुण गाँधी के विरुद्ध उतारा था और जनता ने वरुण गाँधी को लगभग २ लाख ८१ हज़ार मतों के अंतर से विजयी बना कर उनका पानी उतार दिया था। वे दूसरे नंबर पर रहे थे पर उनकी जमानत भी जब्त हो गयी थी। उन्ही सिंह ने राहुल गाँधी के पीलीभीत पहुँचने पर स्पष्ट कर दिया कि वो कांग्रेस के टिकेट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। अपना निर्णय उन्होंने राहुल गाँधी के विशेष निकट माने जाने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को बता दिया जो स्वयं राहुल गाँधी के स्वागत में पीलीभीत पहुंचे हुए थे।
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उत्तर प्रदेश के भारतीय का खुला पत्र राहुल गाँधी के नाम
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ज्ञात हो कि राहुल गाँधी ने बुधवार को पीलीभीत में एक जनसभा की और
एक और वे गुरुवार को संबोधित करने वाले हैं। सिंह को मनाने के भी
प्रयास किये गए परन्तु उन्होंने अपना निर्णय बदलने से मना कर दिया।
बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आपात बैठक की और अनुमान है कि
कांग्रेस क्षेत्र से किसी और को प्रत्याशी बनाएगी।
सिंह ने टिकट ठुकराने का कारण भी बतलाया। सिंह गन्ना किसानों की
समस्याओं को लम्बे समय से उठा रहे हैं एवं किसानों के बीच लोकप्रिय
हैं। उन्होंने किसानों की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए आन्दोलन
किया था और मायावती सरकार और भारतीय रेल ने उनके विरुद्ध अभियोग दर्ज
करवा दिए। परन्तु संकट के समय में कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया।
इससे आहत होकर उन्होंने ये निर्णय लिया। अब उन्होंने राष्ट्रीय किसान
मजदूर संघ की बैठक इन विषयों पर चर्चा करने के लिए ५ जनवरी को बुलवाई
है।
राहुल गाँधी के लिए ये दो दिन में दूसरी बुरी सूचना है। अभी उनके
द्वारा प्रस्तावित बिल संसद में गिर गया था। बिल के गिरने का एक कारण
कांग्रेस के अपने १२ सांसदों की व्हिप जारी होने के बावजूद अनुपस्थिति
था। आमतौर पर लोग टिकट पाने के लिए कुछ भी करने के लिए उतावले रहते
हैं, पर मिला हुआ टिकट ठुकरा देने का, वो भी युवराज राहुल गाँधी की
उपस्थिति में, ये संभवतः अपनी तरह का अनोखा मामला है।
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