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स्वागत योग्य कदम, जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद

स्वागत योग्य कदम पंजाब सरकार ने देश के शहीदों व महापुरुषों के
जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद करने की
दिशा में जो कदम उठाया है वह निस्संदेह स्वागत योग्य है। प्रदेश सरकार
यदि अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाने में कामयाब रही तो स्कूलों में
साल भर में करीब दर्जन भर छुट्टियां कम हो जाएंगी। इससे न सिर्फ
शिक्षा का स्तर सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि स्कूलों में ही इन
अवसरों पर विभिन्न कार्यक्रम करवाकर विद्यार्थियों को शहीदों व गुरुओं
के बारे में अधिक से अधिक जानकारी भी दी जा सकेगी।
यह सर्वविदित है कि नई पीढ़ी देश के लिए कुर्बानियां देने वाले शहीदों
व गुरुओं को भूलती जा रही है। सरकार के इस कदम से निश्चित रूप से
विरासत को भी संभालने में मदद मिलेगी। छुट्टियों की यह स्थिति मात्र
स्कूलों में ही नहीं है, बल्कि अन्य कई सरकारी विभागों में भी कमोबेश
यही हाल है। सरकार यदि यह जरूरी समझती है कि स्कूलों में छुट्टियां कम
होनी चाहिए और विद्यार्थियों के लिए वर्ष भर में 240 दिन पढ़ाई
अनिवार्य होनी चाहिए तो इसमें कतई कोई बुराई नहीं है और इस प्रकार का
कदम अन्य क्षेत्रों जैसे कि डाकघर, कचहरी, अदालत व अन्य सरकारी
विभागों के लिए भी उठाया जाना चाहिए।
आखिरकार जब यातायात व चिकित्सा जैसी सुविधाएं निरंतर जारी रह सकती हैं
तो अन्य सरकारी विभागों में छुट्टियां क्यों नहीं कम की जा सकती हैं?
यह ठीक है कि भारत सात वार, नौ त्योहार वाला देश है तथा यहां
त्योहारों का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है और ऐसे में यदि छुट्टियों
में कटौती की गई तो संबंधित विभागों के कर्मचारियों की भावनाएं आहत
होंगी, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे देश के विकास की गति
तीव्र होगी।
सरकार यदि कर्मचारियों को यह समझाने में कामयाब रही कि कोई भी जश्न
देश के विकास की कीमत पर नहीं मनाया जा सकता तो कोई कारण नहीं कि अन्य
विभागों में भी छुट्टियां कम करने में कोई परेशानी सामने आए। यही नहीं
अंततोगत्वा इसका लाभ देश की जनता को भी मिलेगा।
साभार दैनिक जागरण
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