जनता पार्टी के अध्यक्ष, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और देश के जाने-माने कानूनविद् डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी ही वह व्यक्ति हैं, ज..

पंडित भीमसेन जोशी को बचपन से ही संगीत का बहुत शौक था। वह किराना
घराने के संस्थापक अब्दुल करीम खान से बहुत प्रभावित थे। 1932 में वह
गुरु की तलाश में घर से निकल पड़े। अगले दो वर्षो तक वह बीजापुर, पुणे
और ग्वालियर में रहे। उन्होंने ग्वालियर के उस्ताद हाफिज अली खान से
भी संगीत की शिक्षा ली। लेकिन अब्दुल करीम खान के शिष्य पंडित रामभाऊ
कुंडालकर से उन्होने शास्त्रीय संगीत की शुरूआती शिक्षा ली। घर वापसी
से पहले वह कलकत्ता और पंजाब भी गए।
पंडित भीमसेन जोशी ने अपनी विशिष्ट शैली विकसित करके किराना घराने को
समृद्ध किया और दूसरे घरानों की विशिष्टताओं को भी अपने गायन में
समाहित किया। उनको इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने कई रागों को
मिलाकर कलाश्री और ललित भटियार जैसे नए रागों की रचना की। उन्हें खयाल
गायन के साथ-साथ ठुमरी और भजन में भी महारत हासिल की है। पंडित भीमसेन
जोशी का देहान्त २४ जनवरी २०११ को हुआ।
भारत रत्न : ४ नवम्बर, २००८ को देश के सर्वोच्च
नागरिक सम्मान, भारत रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया, जो कि भारत का
सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। 'भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में सन
१९८५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। कर्नाटक के गडक जिले में
4 फरवरी वर्ष 1922 को जन्मे पं. भीमसेन जोशी को इससे पहले भी पद्म
विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री समेत कई अलंकरण और सम्मान दिए जा चुके
हैं।
योगदान : किराना घराना के 86 वर्षीय शास्त्रीय गायक
पंडित भीमसेन जोशी ने 19 वर्ष की आयु में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच
से अपनी गायन कला का प्रदर्शन किया था। उन्होंने पहली बार अपने गुरु
सवाई गंधर्व के 60वें जन्मदिवस पर जनवरी 1946 में पुणे अपना गायन
प्रस्तुत किया था। उनके द्वारा गाए गए गीत पिया मिलन की आस, जो भजे
हरि को सदा और मिले सुर मेरा तुम्हारा बहुत प्रसिद्ध हुए।
Share Your View via Facebook
top trend
-
2G घोटाले में सोनिया गाँधी के विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण हैं : डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी
-
एनआईएस में धूल फांक रही हैं करोड़ों की साइकिलें : राष्ट्रमंडल खेल
राष्ट्रमंडल खेलों से पहले विदेश से मंगाई गईं करोड़ों रूपये की साइकिलें पटियाला के एनआईएस में धूल फांक रही हैं.
दो अलग.. -
बढ़ रहे हैं हिन्दुओं पर अत्याचार : मानवाधिकार रिपोर्ट
सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम को जीवन का आधार मानने वाले हिंदुओं की स्थिति इन दिनों काफी दयनीय होती जा रही है। खासकर..
-
अन्ना की टिप्पणी समझ से परे: संघ
आरएसएस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन से बहुत हद तक जुड़े होने की बात पर जोर देते हुए शनिव..
-
औरंगजेब का राज भी अच्छा था कांग्रेस से - नरेंद्र मोदी
अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विचारधारा से बिल्कुल विपरीत बयान में कहा है कि दिल्ली की कांग्रेस स..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)