राज्यपाल का पद एक बार फिर विवादों में है। इस बार गुजरात की राज्यपाल की नीयत पर उंगली उठाई जा रही है। घटना की पृष्ठभूमि में..
एसके गुप्ता, नई दिल्ली जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)
में माहौल बिगाड़ने की तैयारी चल रही है। एक संगठन ने कैंपस में
पार्टी के दौरान गाय का मांस परोसने की घोषणा की है।इस संगठन को एक
वामपंथी संगठन बढ़ावा दे रहा है। इसे देखते हुए पुलिस और सुरक्षा
एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इससे पहले हैदराबाद के उस्मानिया
विश्र्वविद्यालय में भी इस तरह की पार्टी हुई थी। विरोध में एक छात्र
को चाकू मार दिया गया। इसके बाद भड़की हिंसा में पांच छात्र बुरी तरह
घायल हुए थे और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
जेएनयू में द न्यू मटेरियलिस्ट नामक संगठन गुपचुप तरीके से पार्टी के
दौरान गोमांस परोसने की तैयारी कर रहा है। छात्रसंघ चुनाव के दौरान
उसने माहौल को गर्म करने के लिए शनिवार रात कई छात्र संगठनों की बैठक
कर पार्टी आयोजन के लिए समिति का गठन किया है। पहले यह पार्टी 17
सितंबर को ईवीआर पेरियार के जन्म दिवस पर होनी थी, मगर अब यह पार्टी
छात्रसंघ चुनाव के चलते 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस पर
होगी। इसे लेकर कैंपस में पर्चे बांटे जा रहे हैं, जिसमें जन्माष्टमी
को रसिया का जन्मदिन और होली पर भांग पीने का हवाला देते हुए गोमांस
पार्टी आयोजित कर खाने की स्वतंत्रता की मांग की गई है।
वामपंथी छात्र संगठनों ने यह तय किया है कि गोमांस को सार्वजनिक तौर
पर ना पका कर अपनी-अपनी रसोइयों में पकाएंगे। इसके बाद सार्वजनिक रूप
से पार्टी में उसका सेवन किया जाएगा। दक्षिणी जिला की पुलिस उपायुक्त
छाया शर्मा का कहना है कि पुलिस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। कावेरी
छात्रावास में हुई बैठक पर जेएनयू सेंटर फॉर अफ्रीकन स्टडीज में
पीएचडी कर रहे अनूप कहते हैं कि पार्टी के लिए गोमांस कहां से आएगा और
कैंपस में पार्टी कहां होगी, इसका निर्णय कमेटी के सदस्य मिलकर
करेंगे। हमारा उद्देश्य भाजपा, आरएसएस सहित हिंदूवादी संगठनों की
राजनीति पर प्रहार करना है। ऐसे संगठनों ने गाय को राजनीति का केंद्र
बनाया हुआ है।
अनूप का कहना है कि जेएनयू संसद के कानून द्वारा बना शैक्षणिक संस्थान
है। इसलिए गोमांस पार्टी पर दिल्ली एनसीआर एक्ट-1994 को वह नहीं
मानते। गोमांस पार्टी आयोजन को लेकर अभी तक हुई बैठकों में जेएनयू व
डीयू के कई प्राध्यापक भी शिरकत कर चुके हैं।
# छात्रों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लेकिन
ऐसा आयोजन किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। दिल्ली में गोमांस
प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर छात्रों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की
जाएगी। — प्रो. एसके सोपोरी, कुलपति,
# जेएनयू गोमांस पार्टी करने वाले को देश में
नहीं रहने दिया जाएगा। गौ माता का मांस खाने वाले इस आयोजन से पहले
अपने मांस की चिंता कर लें। अगर ऐसा हुआ तो उसके गंभीर नतीजे होंगे। —
सत्येंद्र मोहन, विश्व हिंदू परिषद दिल्ली के महामंत्री
# मैने कुलपति को शिकायत कर अपना विरोध जताया है।
अगर जेएनयू में ऐसा हुआ तो यहां की शांति भंग हो जाएगी। — गायत्री
दीक्षित, जेएनयू छात्रा व एबीवीपी प्रदेश उपाध्यक्ष
समाचार एवं तथ्य : साभार दैनिक जागरण
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