न्यायालय में झूठे शपथपत्र देने वाली तीस्ता भारत सरकार को शिक्षा सम्बन्धी विषयों पर सुझाव देंगी

Published: Friday, May 25,2012, 13:55 IST
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न्यायालय में झूठे शपथपत्र देकर और गवाहों से झूठ बुलवा कर मोदी को फंसाने के प्रयास कर चुकी तीस्ता सीतलवाड़ जिसे सत्र न्यायालय ने इसी मामले में अग्रिम जमानत दी थी, और जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक से अधिक बार गंभीर कारणों से फटकार लगाई है, उसी तीस्ता को कांग्रेस सरकार ने अपनी कठपुतली बन कर मोदी के विरोध में दंगा पीड़ितों की कब्र तक खोद डालने का इनाम दिया है।

अब तीस्ता सीतलवाड़, मोदी विरोध की अपनी रुदालियों में उसके सुर से सुर मिलाने वाली एक और 'समाज सेविका' शबनम हाशमी के साथ उस प्रतिष्ठित समिति में होंगी जिसके सदस्य भारत की जनता द्वारा भरे गए कर से वेतन पाते हैं और जिसका काम भारत सरकार को शिक्षा सम्बन्धी विषयों पर अपने 'अमूल्य' सुझाव देना है। २जी घोटाले में जीरो नुक्सान का तर्क देने वाले कपिल सिब्बल  के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मोदी विरोध के लिए उन दोनों को पुरस्कृत करते हुए उन्हें इस समिति में मनोनीत किया है।

पहले से भारत के विदेशी शासकों के विरुद्ध संघर्ष के गौरवशाली इतिहास की रंगोली पर तथाकथित सेकुलरिस्म का फिनायल वाला पोंछा मार कर मिटाने वाले शिक्षाविदों की सूची में अब तीस्ता और शबनम के आ जाने से राष्ट्रीय गौरव की निर्मम हत्या का मार्ग और सुगम हो गया है। कांग्रेस-नीत भारत सरकार अपनी एक और उपलब्धि पर गर्व कर सकती है।

तीस्ता की यशगाथा यहाँ पर वर्णित है ... " तीस्ता सीतलवाड के पूर्व सहयोगी ने नानावटी आयोग को सौंपे झूठे शपथपत्र के प्रमाण "

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