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हर चौथी केंद्रीय योजना राजीव गांधी के नाम पर, दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी
नई दिल्ली।। अगर आपसे पूछा जाए कि देश में किस हस्ती के नाम पर
सबसे ज्यादा केंद्रीय योजनाएं चलाई जा रही हैं, तो आपका जवाब होगा-
महात्मा गांधी या जवाहर लाल नेहरू। हो सकता है कि आप इंदिरा गांधी का
नाम लें, लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि केंद्र सरकार की हर चौथी
योजना देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर चल रही है। इस
मामले में इनके बाद नंबर आता है इंदिरा गांधी का।
योजना मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने लोकसभा में लिखित रूप
में कहा कि योजना आयोग के आंकड़ों के मुताबिक देश में नामी हस्तियों
के नाम पर 58 केंद्रीय योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से 16 योजनाएं
राजीव गांधी के नाम पर चल रही हैं। इन योजनाओं में प्रमुख हैं- राजीव
आवास योजना, राजीव गांधी उद्यमी मित्र योजना, राजीव गांधी पंचायतलु
अभियान, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, राजीव गांधी नैशनल
फेलोशिप फॉर एसटी स्टूडेंट्स।
अश्विनी कुमार ने बताया कि इस मामले में दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी
का नाम आता है। उनके नाम पर देश में 8 केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं।
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, इंदिरा आवास योजना, इंदिरा गांधी
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना जैसी योजनाएं प्रमुख हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी नेता अटल विहारी वाजपेयी के नाम पर भी
एक इंस्टिट्यूट चल रहा है। इसके अलावा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम
पर भी 2 योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है।
मंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, स्वामी
विवेकानंद, रवींद्र नाथ टैगोर, राजा राम मोहन रॉय, बी.आर. आंबेडकर,
जाकिर हुसैन, लाल बहादुर शास्त्री, मौलाना आजाद, महर्षि संदिपनी और
खुदाबख्श नाम पर भी देश में केंद्रीय योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके
अलावा बाबू जगजीवन राम, सरदार बल्लभ भाई पटेल, रानी लक्ष्मीबाई,
कस्तूरबा गांधी, गनी खान चौधरी, संत लौंगेवाल, पंडित द्वारका प्रसाद
मिश्रा और सत्यजीत राय के नाम पर योजनाएं चल रही हैं।
# इंदिरा-राजीव जयंती की याद में 7.25 करोड़ खर्च
# सोनिया गांधी ने राजीव गांधी द्वारा घूस में लिए गए
पैसे को...
# बोफोर्स मसले में सोनिया गाँधी का नाम क्यों नहीं लिया जा रहा
हैं?
एक दूसरी स्टडी के मुताबिक, 18 सालों में जवाहर लाल नेहरू, राजीव
गांधी और इंदिरा गांधी के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार के करीब 450
कार्यक्रम, प्रॉजेक्ट्स और संस्थाएं चल रही हैं। इस मामले में साल
2009 में चुनाव आयोग से शिकायत भी की जा चुकी है कि इससे समानता के
आधार पर चुनाव लड़ने के सिद्धांत का उल्लंघन होता है।
टाइम्स न्यूज नेटवर्क
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