लगातार छह दिनों से संसद न चल पाने की खीझ में भाजपा के युवा सांसद वरुण गांधी ने काम नहीं तो दाम नहीं का फार्मूला लागू करने ..
राष्ट्रपति को दी गयी सेना एवं अधिकारियों की २,६१,०० स्क्वेयर फीट जमीन
एक RTI द्वारा हुए खुलासे में, राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल को
पुणे में बंगला बनाने के लिए तय सीमा से छह गुना अधिक सेना की जमीन
देने का मामला सामने आया है। जिसमे पूर्व सैनिक कैंट एरिया में
राष्ट्रपति को बंगले के लिए जमीन देने का विरोध कर रहे हैं।
आरटीआई के अनुसार पाटिल को खड़की कैंट एरिया में सेना की २,६१,०० (
2,61,00 ) स्क्वेयर फीट जमीन अलॉट की गई है। पूर्व सैनिकों ने इसका
विरोध किया है। उनका कहना है कि सैनिकों और उनके परिवारों के लिए जमीन
पहले से ही कम है। उन्होंने जमीन के अलॉटमेंट की जानकारी के लिए
आरटीआई फाइल की थी, जिसमें प्रेजिडेंट को पात्रता से कई अधिक जमीन
देने का खुलासा हुआ है।
आरटीआई के अनुसार राष्ट्रपति नियम के मुताबिक 4500 स्क्वेयर फीट के
सरकारी बंगले या फिर सरकार के अधिकार वाले २००० (२०००) स्क्वेयर फीट
के बंगले के लिए ही पात्र हैं। राष्ट्रपति सरकारी जमीन पर निर्माण भी
नहीं करवा सकती हैं। पूर्व सैनिकों के अनुसार राष्ट्रपति प्लॉट पर
बंगले का निर्माण करवा रही हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
संसद सत्र न चलने तक वेतन-भत्ते पर रोक लगना चाहिए : युवा सांसद वरुण एवं अनुराग
-
स्वाभिमान यात्रा के दूसरे चरण में बाबा रामदेव ने केंद्र को फिर ललकारा
दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रशासनिक कहर झेलने के बाद भी योग गुरू बाबा रामदेव कालेधन को देश वापस लाने की बात पर अडिग हैं।..
-
सर्न में भारतीय वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी का अहम योगदान : धरती पर सृष्टि की रचना कैसे हुई?
जिनिवा, विश्व की निगाहें आज यूरोपियन सेंटर फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) पर केंद्रित थीं जिसने गॉड पार्टिकल की खोज करने क..
-
भोजन की बात करें तो हम इतने भाग्यशाली है कोई दूसरा देश उसकी कल्पना नहीं कर सकता
-
वीर अफ़ज़ल गुरु चौक, युवा मसीहा कसाब स्टेडियम, जैसे नामकरण कैसे रहेंगे?
केरल में त्रिचूर की "अलर्ट सिटीजन्स" नामक संस्था ने शहर में एक मुख्य सड़क का नाम पोप जॉन पॉल (द्वितीय) के नाम ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)