केंद्र सरकार के सचिवों की समिति ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई की अनुमति देने को हरी झंडी दे दी..
गिलानी पर हमला, विद्यार्थी परिषद् एवं बग्गा ने कहा राष्ट्र-विरोधी ब्यान सहन नहीं

आज अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर भगत सिंह क्रांति सेना
और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के उपाध्यक्ष और सचिव ने
अपने समर्थकों के साथ हमला बोल दिया। दिल्ली के पॉश इलाके सिविल लाइंस
में 29, राजपुर रोड पर स्थित गिलानी के निवास पर तेजिंदर पाल सिंह
बग्गा, डूसू उपाध्यक्ष विकास चौधरी और डूसू सचिव विकास यादव के
नेतृत्व में उनके समर्थकों ने गिलानी की टोपी हवा में उछाल कर उन पर
जूता फेंका।
मालूम हो की गिलानी अपने साथियों के साथ सिविल लाइंस में कश्मीर पर
आयोजित एक सेमीनार में हिस्सा लेने आए थे। उस समय भगत सिंह क्रांति
सेना और डूसू के लोगों ने उन्हें धक्का मारते हुए नारेबाजी की। भगत
सिंह क्रांति सेना और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों के
द्वारा की गई धक्कामुक्की में जानी-मानी पत्रकार मधु किश्वर ने बीच
बचाव करते हुए हमलावारों के बीच में आ गईं।
तेजिंदर पाल बग्गा ने कहा कि वे लोग देश के गद्दारों के साथ ऐसा ही
सलूक करेंगे। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उसे अलग करने की बात
करने वालों की देश में कोई जगह नहीं है। बग्गा ने कहा कि हमले के बाद
पहुंची पुलिस ने हमारे 24 साथियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन कुछ
दूर ले जाने के बाद हमें रिहा कर दिया गया। हम ऐसे हर कार्यक्रम और
लोगों का विरोध करेंगे जो देश के बंटवारे की बात करेगा।
डूसू के सचिव विकास यादव ने कहा कि "कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, वह
देश का मुकुट है और उसे भारत से तोड़ने की साजिश करने वालों को देश का
युवा इसी तरह मुंहतोड़ जवाब देगा | श्री यादव ने नारेबाजी करते
हुए कहा कि "जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है | जो कश्मीर
हमारा है वो सारे का सारा है | ऐसे देशद्रोही, अलगाववादी लोगों को देश
की राजधानी में कटाई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा |"
उल्लेखनीय है कि हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कुछ दिन पहले
ही कहा था कि अगर पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे पर अपनी पुरानी नीति
में बदलाव कर भारत के साथ कोई समझौता किया तो पाकिस्तान की जनता
सड़कों पर उतर आएगी। यदि कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान कोई
खुफिया समझौता कर भी लें तो कश्मीर और पाकिस्तान की जनता उसे नहीं
मानेगी।
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर इस घटना
की कड़ी निंदा करते हुए लिखा है कि भगत सिंह क्रांति सेना और अखिल
भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा मूर्खतापूर्ण कार्य किया गया है। ऐसा
करने से इस तरह के गंभीर मुद्दे समाप्त नहीं हो सकते हैं।
SAS Geelani was attending a Hurriyat leaders conference at Rajpura road in Delhi, when Bhagat Singh Kranti Sena workers attacked him
— ANI (@ANI_news) March 26, 2012
Share Your View via Facebook
top trend
-
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई से बढ़ेगी बेरोजगारी - केएन गोविंदाचार्य
-
स्वागत योग्य कदम, जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद
स्वागत योग्य कदम पंजाब सरकार ने देश के शहीदों व महापुरुषों के जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद क..
-
दिल नहीं बच्चों में अच्छा दिमाग चाहते हैं भारतीय मां-बाप
भारतीय मां-बाप के बारे में अभी तक जो भी धारणाएं थीं वो आज के बाद बदल जाएंगी। एक सर्वे के नतीजे बताते हैं कि भारतीय मां-बाप..
-
मल्लिका जी, एक बार 'पवित्र परिवार' से माफ़ी माँगने को कहिये ना ?
मल्लिका साराभाई ने नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2002 में साराभाई की जनहित याचिकाओं को खारिज करवाने..
-
एक और पाकिस्तान : नरेन्द्र सहगल
जम्मू-कश्मीर, सरकारी वार्ताकारों द्वारा तुष्टीकरण के आधार पर तैयार की गई रपट का अर्थ है 'एक और पाकिस्तान'
..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)