' अब कोयला 'घोटाला ' - १०६७०००००००००० रु. - और क्या क्या हो सकता है - सोचिये ज़रा

Published: Thursday, Mar 22,2012, 09:21 IST
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"भारत निर्माण" में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला प्राकृतिक संसाधन, कोयला भी जब घोटाले का शिकार बन जाए तो देश में "और क्या क्या हो सकता है - सोचिये ज़रा" | यदि आप हिन्दू नववर्ष के उत्सव की तैयारियाँ कर रहे थे तो शायद नव-वर्ष का रंग थोडा उतर जाए - कारण यूपीए सरकार के एक और 'नीतिगत निर्णय' के कारण सीऐजी के अनुसार देश को  १०६७०००००००००० रुपये का नुक्सान हुआ है यानी हर भारतीय के हिस्से में आया लगभग ९००० का घाटा | यदि आपके परिवार में ६ सदस्य हैं, तो घाटे में आपके परिवार का हिस्सा हुआ लगभग ५४००० रुपये |

# UPA ScamNext - 10670000000000 Rs - Sochiye jara!

कहावत है कि कोयले की दलाली में मुंह काला होता है, और यहाँ पहले ही घोटालों की कालिख पोते बैठी केंद्र की कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकार अब एक और बार मुख मलिन करवा चुकी है | सीएजी की रिपोर्ट जिसका सम्बंधित समाचार अंग्रेजी दैनिक टाईम्स ऑफ़ इंडिया ने छापा है, और कहती है कि कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधन को नीलाम न करवा कर और उसे ऐसे ही निजी एवं सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों को सस्ते दामों पर दे देने से देश को इतना बड़ा नुक्सान हुआ है | ये हानि २००४ से २००९ के बीच बेचे गए कोयले के ब्लॉकों से हुयी है | लाभ उठाने वालों में लगभग १०० निजी उपक्रम हैं | १०.६७ लाख करोड़ की ये राशि २ जी घोटाले की राशि की ६ गुनी है और यह अनुमान सस्ते कोयले पर लगाया गया है न कि माध्यम दर्जे के कोयले पर, यानी माध्यम कीमतों पर अनुमान लगायें तो ये राशि और अधिक होगी | यह राशि भारत के जीडीपी के १२ प्रतिशत से भी अधिक है |

पत्र में प्रकशित समाचार के अनुसार सीएजी ने अपनी ११० पृष्ठों की रिपोर्ट में कोयला मंत्रालय के विचारों को भी रखा है और उनका उत्तर दिया है | रिपोर्ट को बजट पारित होने के बाद सदन में रखने की संभावना है और इस हंगामा होना अपेक्षित हैं | इस घोटाले में ३३ अरब टन कोयला शामिल है जो वर्तमान उत्पादन क्षमता के अनुसार ५० साल तक देश के लिए बिजली पैदा करने के लिए काफी होता |

रिपोर्ट के अनुसार निजी क्षेत्र के उपक्रमों को लगभग ४.७९ लाख करोड़ का लाभ हुआ है और ५.८८ लाख सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों को गया है, परन्तु यह भी सच है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी कोयला खनन का काम अक्सर निजी क्षेत्र को ही देते हैं |  लाभान्वितों में टाटा ग्रुप, जिंदल स्टील एंड पावर, इलेक्ट्रो स्टील, अनिल अग्रवाल ग्रुप, भूषण पावर एंड स्टील, जायसवाल नेको, अभिजीत ग्रुप, आदित्य बिड़ला ग्रुप, एस्सार ग्रुप, अदानी ग्रुप, आर्सेलर मित्तल, लैंसो ग्रुप आदि शामिल हैं |  जिंदल ग्रुप के नवीन जिंदल ने कहा के सीएजी की रिपोर्ट जो भी हो उन्हें गर्व है कि वो भारत को धनवान बना रहे हैं |

कोयला मंत्रालय का कहना था कि ऊर्जा क्षेत्र में कोयले को वास्तविक मूल्यों पर बेचा जाता है | इसके उत्तर में सीएजी ने कहा है कि कोयला प्राकृतिक संसाधन है और उसके विक्रय नीलामी कर के प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर होना चाहिए | सीएजी ने सर्वोच्च न्यायालय के २ जी घोटाले के सन्दर्भ में दिए गए निर्णय का भी नाम लिया है  जो कहता है कि सरकार को राष्ट्रीय सम्पदा का संरक्षक एवं न्यासधारी बन कर निर्णय करने चाहिए |  

इस विषय पर राजनैतिक प्रतिक्रियाएँ प्रतीक्षित हैं |

आईबीटीएल मत - एक बार फिर नीतिगत निर्णयों के नाम पर राष्ट्रीय सम्पदा निजी उद्योग समूहों को बेच दी गयी | १० लाख करोड़ से अधिक का अनुमान डरावना है | कोयला मंत्रालय प्रधान मंत्री के ही पास रहा है | मंत्रालय में राज्य मंत्री भी कांग्रेस के ही रहे हैं | सहयोगियों के सर ठीकरा फोड़ने का बचाव भी इस बार कांग्रेस के पास नहीं है | यदि यह यूपीए सरकार के ताबूत की आखिरी कील बन जाए तो आश्चर्य नहीं होगा |

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