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भारत निर्माण का सपना दिखा, कैबिनेट बैठकों में अनुपस्थित रहते हैं प्रधानमंत्री

मनमोहन सिंह की छवि काम करने वाले प्रधानमंत्री की क्यूँ न बनायीं
गयी हो, परन्तु कैबिनेट की बैठक में अनुपस्थित रहने वालों की सूची में
वह नंबर 1 हैं। एक आरटीआई से ज्ञात होता है कि 27 जनवरी 2009 से 26
फरवरी 2009 के बीच कैबिनेट की 9 बार मीटिंग हुई एवं प्रधानमंत्री उससे
अनुपस्तिथ रहे। एवं उनकी अनुपस्थिति में तब के विदेश मंत्री प्रणव
मुखर्जी ने कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की।
इस आरटीआई के जवाब में कहा है कि आधिकारिक तौर पर सरकार में कोई भी
शख्स नंबर 2 की हैसियत नहीं रखता है। इसका मतलब है कि भले ही
प्रधानमंत्री की गैरमजूदगी में प्रणव मुखर्जी कैबिनेट की बैठक की
अध्यक्षता करें, लेकिन वह सरकार में नंबर 2 की हैसियत नहीं रखते हैं।
2004 से 2011 के बीच जब भी प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर जाते थे, तब
कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (सीसीपीए) को देश के जरूरी मुद्दों
पर फैसला लेने अधिकार दिया गया था। आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि
सीसीपीए की अध्यक्षता हमेशा सीनियर मिनिस्टर करता है।
ज्ञातव्य है कि 27 जनवरी 2009 और 28 जनवरी 2009 को कैबिनेट की जो बैठक
हुई थी, उसमें उपस्थित मंत्रियों की लिस्ट में प्रणव मुखर्जी का नाम
सबसे ऊपर दिया गया था। इसी तरह फरवरी में भी जो बैठकें हुईं, उसमें भी
प्रणव मुखर्जी का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर दिया गया था। इससे साबित
होता है कि यूपीए सरकार को उनकी कितनी जरूरत है।
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