कहा जाता हैं कि भारत विविधताओं का देश है। बात सच भी है। संस्कृति की समरसता के छत्र में वैविध्य की वाटिका यहाँ सुरम्य दृष..
गोविन्दाचार्य जी के नेतृत्व में खड़ा होगा देशव्यापी सांगठनिक ढांचा

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सन 2012 को ‘संगठन
विस्तार वर्ष’ के रूप में मनाते हुए ‘राष्ट्रीय स्वाभिमान
आंदोलन’ का देशव्यापी सांगठनिक ढांचा खड़ा किया जाएगा।
गत माह 7-8 जनवरी, 2012 को नई दिल्ली स्थित आर्य समाज मंदिर,
राजेन्द्र नगर में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की राष्ट्रीय बैठक
संपन्न हुई। इस बैठक में ‘संगठन विस्तार और आगामी कार्ययोजना’ पर
गंभीर चिंतन-मनन हुआ। संगठन के संरक्षक के.एन. गोविंदाचार्य के
मार्गदर्शन में बैठक में जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, उनका विवरण इस
प्रकार हैः
1. सन 2012 को ‘संगठन विस्तार वर्ष’ के रूप में मनाते हुए ‘राष्ट्रीय
स्वाभिमान आंदोलन’ का देशव्यापी सांगठनिक ढांचा खड़ा किया जाएगा।
2. कार्यकारी संयोजक श्री सुरेन्द्र सिंह बिष्ट को संगठन विस्तार का
प्रभारी बनाया गया। गोविंदाचार्य जी ने सभी कार्यकर्ताओं से संगठन
विस्तार के कार्य में उन्हें सहयोग प्रदान करने का विशेष रूप से आग्रह
किया।
3. राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर तीन स्तरीय संगठन संरचना बनाने का
निर्णय लिया गया। ये संरचनाएं होंगी- संचालन समिति, कार्यसमिति और
परिषद। राष्ट्रीय संचालन समिति (Core Committee) में अधिकतम 31 सदस्य,
प्रांतीय संचालन समिति में 21 सदस्य और जिला संचालन समिति में 11
सदस्य होंगे।
4. संगठन विस्तार के कार्य को यथाशीघ्र गति देने के लिये एक
तदर्थ-राष्ट्रीय संचालन समिति की घोषणा की गई।
5. प्रांतों से आग्रह किया गया कि मई में होने वाली आगामी राष्ट्रीय
बैठक से पूर्व ‘प्रांतीय संचालन समिति’ का गठन हो तथा अधिकतम जिलों
में जिला संयोजकों, सह-संयोजकों की घोषणा प्राथमिकता के आधार पर की
जाए।
6. सितंबर महीने में होने वाली राष्ट्रीय बैठक तक न्यूनतम 300 जिलों
में ‘संचालन समितियों’ का गठन पूर्ण हो जाना चाहिए।
7. यदि उपर्युक्त न्यूनतम सांगठनिक संरचना बन जाती है तो अक्तूबर
महीने से सदस्यता अभियान चलाकर संगठन से समर्थकों को बड़े पैमाने पर
जोड़ा जाएगा। गोविंदाचार्य जी ने अपने संबोधन में कहा कि 2012 में अगर
उपर्युक्त कार्यों को पूरा कर लिया गया तो राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन
का ‘संगठन विस्तार वर्ष’ का संकल्प कार्यरूप में परिणित हो जाएगा।
सांगठनिक ढांचे से जुड़े मुद्दों के अलावा कई आगामी कार्यक्रमों के
आयोजन को लेकर भी बैठक में विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श हुआ। इस संबंध
में जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, उनका संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया
हैः
1. ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करने
के लिए गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या 25 जनवरी, 2012 बुधवार को ‘संकल्प
दिवस’ के रूप मनाया जाए। सार्वजनिक स्थल पर ‘जन विरोधी व्यवस्था पर
हल्ला बोल’ धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाए। इसका उपयोग संगठन द्वारा
जनहित में उठाए गए मुद्दों को जनता के सामने लाने के लिए किया जाए,
ऐसा निश्चय किया गया।
2. पिछले दिनों गोविंदाचार्य जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग
की थी कि न्यायपालिका के विस्तार के लिए यथाशीघ्र धन उपलब्ध कराया
जाए, ताकि आम जनता को शीघ्र, सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके। इस मुद्दे
पर जनसमर्थन प्राप्त करने तथा सरकार पर जनदबाव बनाने के लिए संगठन की
ओर से प्रत्येक प्रांत में यथाशीघ्र जनजागरण और जनांदोलन प्रारंभ करने
का निर्णय लिया गया।
3. यह सर्वविदित है कि राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन अतिवादी वैश्वीकरण का
विरोधी है तथा सत्ता और संसाधनों के विकेन्द्रीकरण का समर्थक है। इसी
के अनुरूप संगठन ने अपनी पुरानी मांग दोहराई, जिसमें केन्द्र सरकार से
आग्रह किया गया कि वह केन्द्रीय बजट की 7 प्रतिशत राशि सीधे ग्राम
पंचायतों को मुहैया कराए। इस मांग को राष्ट्रीय पटल पर प्रमुखता
दिलाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं ने अपना संकल्प व्यक्त किया।
ग्रामबहुल जिलों में इस मांग के समर्थन में जनजागरण और जनांदोलन
प्रारंभ करने के लिए सभी से आवश्यक तैयारी करने के लिए कहा गया।
4. यह महसूस किया गया कि भ्रष्टाचार और कालेधन के विरोध में चले हाल
के आंदोलनों ने देश में जागृति फैलाई है। इससे समाज में विश्वास और
आशा की किरण दिखाई दी है। इसे देखते हुए सभी ने एक सुर में आंदोलन को
अगले चरण में ले जाने तथा सबके साथ मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त
किया। इसके लिए पूरी मुहिम को राजनैतिक सुधार और चुनाव सुधार की दिशा
में मोड़ने की जरूरत को लेकर सभी लोग एकमत दिखे।
5. ‘व्यवस्था परिवर्तन’ की लड़ाई में अन्य समविचारी संगठनों से
संवाद-सहमति और सहकार की नीति पर चलते हुए संबंध प्रगाढ़ करने का
निर्णय लिया गया। इसी दिशा में 4 फरवरी, 2012 शनिवार को ‘एक्शन कमेटी अगेंस्ट करप्शन इन
इंडिया’ के तत्वावधान में आयोजित विरोध सभा को पूरा सहयोग देने का
निर्णय लिया गया। विरोध सभा में कमेटी के चेयरमैन डा. सुब्रमण्यम स्वामी, बाबा रामदेव और श्री के.एन. गोविंदाचार्य
उपस्थित रहें थे ।
भारतीय पंचांग के अनुसार ‘राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन’ का ‘स्थापना
दिवस’ इस वर्ष 18 मई, शुक्रवार को पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते
हुए आगामी राष्ट्रीय बैठक 17-18 मई, 2012 गुरुवार-शुक्रवार को कोटा
राजस्थान में आयोजित की गई है।
- भारतीय पक्ष ब्यूरो
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