विभिन्न समाचार पत्रों एवं न्यूज़ चेनल्स पर यही समाचार है की भारत सरकार ने गूगल और फेसबुक जैसी तमाम इंटरनेट कंपनियों से अपन..
क्षतिपूर्ति केवल अल्पसंख्यकों को ही क्यों, संघ के सदस्यों को क्यों नहीं

भाजपा ने मक्का मस्जिद विस्फोट के बरी किये आरोपियों को ७३ लाख
रुपये क्षतिपूर्ति (मुआवजा) देने के आंध्र प्रदेश सरकार के कदम का
कड़ा विरोध किया है | ज्ञात हो कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट में जिन
मुस्लिम युवकों को पुलिस ने पूछताछ के लिए पकड़ा था उन्हें २० हज़ार और
जिन पर अभियोग चला था परन्तु न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया, उन्हें
३-३ लाख रुपये दिए गए हैं |
ये रुपये राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की संस्तुति पर दिए गए एवं आंध्र
के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुहम्मद अहमदुल्ला ने सरकारी व्यय पर
आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम युवकों को चेक प्रदान किये | मीडिया में
आये संचारों के अनुसार मुस्लिम समाज क्षतिपूर्ति मिलने के बाद भी
संतुष्ट नहीं है |
भाजपा ने पूछा है कि क्या विभिन्न मामलो में झूठे आरोप लगा कर बंदी
बनाये गए संघ एवं बजरंग दल के विभिन्न कार्यकर्ताओं को जिन्हें बाद
में न्यायालयों ने ससम्मान दोषमुक्त घोषित कर के मुक्त किया था,
उन्हें भी सरकार ऐसी क्षतिपूर्ति देगी ?
प्रदेश भाजपा महासचिव रामचंद्र राव ने पत्रकारों से कहा कि इस प्रकार
क्षतिपूर्ति देना एक भयंकर भूल है और सरकार अपने राजनैतिक स्वार्थों
के लिए अवैधानिक कृत्यों की परंपरा डाल रही है |
ये स्पष्ट है कि है कांग्रेस और मुस्लिम लीग में हुयी मिलीभगत का
परिणाम है | उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये युवक मक्का मस्जिद मामले
में दोषी न हो, पर अन्य कई मामलों में अपराधी हैं | भाजपा ने इस
विषय में न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर दी है एवं वो इस पर
वैधानिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है |
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