क्षतिपूर्ति केवल अल्पसंख्यकों को ही क्यों, संघ के सदस्यों को क्यों नहीं

भाजपा ने मक्का मस्जिद विस्फोट के बरी किये आरोपियों को ७३ लाख
रुपये क्षतिपूर्ति (मुआवजा) देने के आंध्र प्रदेश सरकार के कदम का
कड़ा विरोध किया है | ज्ञात हो कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट में जिन
मुस्लिम युवकों को पुलिस ने पूछताछ के लिए पकड़ा था उन्हें २० हज़ार और
जिन पर अभियोग चला था परन्तु न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया, उन्हें
३-३ लाख रुपये दिए गए हैं |
ये रुपये राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की संस्तुति पर दिए गए एवं आंध्र
के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुहम्मद अहमदुल्ला ने सरकारी व्यय पर
आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम युवकों को चेक प्रदान किये | मीडिया में
आये संचारों के अनुसार मुस्लिम समाज क्षतिपूर्ति मिलने के बाद भी
संतुष्ट नहीं है |
भाजपा ने पूछा है कि क्या विभिन्न मामलो में झूठे आरोप लगा कर बंदी
बनाये गए संघ एवं बजरंग दल के विभिन्न कार्यकर्ताओं को जिन्हें बाद
में न्यायालयों ने ससम्मान दोषमुक्त घोषित कर के मुक्त किया था,
उन्हें भी सरकार ऐसी क्षतिपूर्ति देगी ?
प्रदेश भाजपा महासचिव रामचंद्र राव ने पत्रकारों से कहा कि इस प्रकार
क्षतिपूर्ति देना एक भयंकर भूल है और सरकार अपने राजनैतिक स्वार्थों
के लिए अवैधानिक कृत्यों की परंपरा डाल रही है |
ये स्पष्ट है कि है कांग्रेस और मुस्लिम लीग में हुयी मिलीभगत का
परिणाम है | उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये युवक मक्का मस्जिद मामले
में दोषी न हो, पर अन्य कई मामलों में अपराधी हैं | भाजपा ने इस
विषय में न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर दी है एवं वो इस पर
वैधानिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है |
Share Your View via Facebook
top trend
-
विकिलीक्स होगी बंद ? अमेरिकी कंपनियों ने 95% धन नष्ट किया
विकीलीक्स के सहसंस्थापक जुलियन असांजे ने यह बता कर सबको चौंका दिया की रहस्यों एवं तथ्यों से पर्दाफाश करने वाली वेबस.. -
बढ़ रहे हैं हिन्दुओं पर अत्याचार : मानवाधिकार रिपोर्ट
सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम को जीवन का आधार मानने वाले हिंदुओं की स्थिति इन दिनों काफी दयनीय होती जा रही है। खासकर..
-
बाबा रामदेव प्रकरण : केंद्र सरकार एवं गृह मंत्रालय को चेताया, गुमराह किया तो चलेगा मुकदमा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जून में रामलीला मैदान पर बाबा रामदेव के योग शिविर के दौरान आधी रात को हुए पुल..
-
कनॉट प्लेस के खुले हुए मेनहोल, कीचड़ से सना गलियारा, हल्की बारिश में जमा पानी : राष्ट्रमंडल खेलों का काम अब भी जारी
अगले साल लंदन में संपन्न होने वाले ओलंपिक खेल आयोजन से संबंधित एक रिपोर्ट वास्तव में हमें आईना दिखाने के लिए काफी है। इस र..
-
खुर्शीद ने डुबोयी कांग्रेस की लुटिया, चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी
उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं को मछलियों के समान मान उन्हें पकड़ने के लिए आरक्षण का चारा डाल जाल बिछ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)