राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गत माह पश्चिमी यूपी के मुस्लिम बहुल इलाकों में कई कार्यक्रम चलाए। पश्चिमी यूपी के कई..

समाचार पत्रों में छपी ख़बरों और मीडिया चेनलों पर छाया रखा कि
वर्तमान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और इंदिरा गांधी
की जयंती के अवसर पर प्रिंट मीडिया में विज्ञापन देने के लिए क्रमश:
4.79 करोड़ और 2.46 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सूचना एवं प्रसारण राज्य
मंत्री सीएम जटुआ ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कुल 7.25 करोड़
रुपये विज्ञापन पर खर्च हुए। सवाल के जवाब में जटुआ ने कहा कि राजीव
के जन्मदिवस समारोह को मनाने के लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से
अभियान नहीं चलाया गया। वर्ष 2011 में उनके जन्मदिवस के अवसर पर
प्रिंट मीडिया को 7 करोड़ 79 लाख 73 हजार 656 रुपये विज्ञापन पर खर्च
किए गए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सबसे ज्यादा धनराशि 95 लाख रुपये खर्च की। नवी
और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 82 लाख जबकि पर्यटन मंत्रालय ने 79 लाख
खर्च किए। आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने 65 लाख, सूचना एवं
संचार मंत्रालय ने 58 लाख जबकि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 51 लाख
रुपये खर्च किए। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम मंत्रालय ने प्रिंट मीडिया को 25 लाख और 21 लाख के
विज्ञापन दिए।
इंदिरा गाँधी के जन्मदिन पर सूचना एवं संचार मंत्रालय ने 60 लाख,
सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 56 लाख और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
मंत्रालय ने 41 लाख, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 25 लाख और
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने 22 लाख खर्च किए। जल
संसाधन और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों ने 19-19 लाख रुपये खर्च
किए।
देश के हालातों के देख यह कहना गलत नं होगा कि देश एक परिवार विशेष का
हो चला है। १२१ करोड़ लोगों का उससे कोई सम्बन्ध नहीं रहा। समस्या
दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। वंशवाद एक श्राप के रूप में भारत के
सामने आ रहा है। इस बात पर सरकार की जितने कठोर शब्दों में निंदा की
जाए उतनी कम है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
मुस्लिम युवाओं की पसंद बन रहा है आरएसएस का मुस्लिम मंच - २७ राज्यों के २०० जिलों में पकड़
-
राहुल का प्रधानमंत्री बनना देशहित में नहीं, देश बर्बादी की ओर बढ़ेगा
जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने बलिया में कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह पर..
-
स्वामी अग्निवेश की गिरफ्तारी का खतरा, कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत अर्जी
हिसार. आर्य समाज के नेता और टीम अन्ना के पूर्व सदस्य स्वामी अग्निवेश को अदालत से झटका लगा है। शुक्रवार को ए..
-
आज़ादी की दूसरी लड़ाई ? खत्म हुई, क्या दूसरी समस्याओं को देख लें ?
चलिये… अन्ततः “आज़ादी की दूसरी लड़ाई”(?) बगैर किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई। जिस प्रकार से यह “द..
-
क्षतिपूर्ति केवल अल्पसंख्यकों को ही क्यों, संघ के सदस्यों को क्यों नहीं
भाजपा ने मक्का मस्जिद विस्फोट के बरी किये आरोपियों को ७३ लाख रुपये क्षतिपूर्ति (मुआवजा) देने के आंध्र प्रदेश सरकार के कद..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)