नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जून में रामलीला मैदान पर बाबा रामदेव के योग शिविर के दौरान आधी रात को हुए पुल..
टीम अन्ना के दो मुख्य सदस्यों ने जाहिर की कोर कमेटी से अलग होने की इच्छा
अन्ना हजारे की कोर कमेटी से पी.वी. राजगोपाल एवं राजेन्द्र सिंह से पृथक होने की इच्छा जाहिर की है, गौरतलब है की अन्ना की टीम में स्वयं अन्ना के अलावा अरविन्द केजरीवाल, प्रशांत भूषण, शशि भूषण, संतोष हेगड़े, पी.वी. राजगोपाल, राजेन्द्र सिंह, अखिल गोगोई, किरण बेदी एवं स्वामी अग्निवेश थे | मुंबई के डी.एन.ए के हवाले से से यह सूचना मिली है |
यह टीम अन्ना के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, पिछले सप्ताह प्रशांत भूषण कश्मीर के लिए दिए गए ब्यान का विरोध करते हुए तीन युवकों ने सर्वोच्च न्यायालय परिसर में घुस कर प्रशांत भूषण के ब्यान के खिलाफ आपत्ति जताते हुए हाथा-पाई की थी ... वहीँ दूसरी और विभिन समूहों ने विरोध किया जिनमें शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे, ऐ.आई.ऐ.टी.ऍफ़ प्रमुख मनिंदर जीत सिंह बिट्टा, पनुन कश्मीर के अध्यक्ष अश्वनी कुमार प्रमुख थे |
पी.वी. राजगोपाल एवं राजेन्द्र सिंह के अनुसार अरविन्द केजरीवाल को " फैसलों पर तानाशाह " जैसे रुख का आरोप लगाया और कहा की संगठन को दिशा दी जानी चाहिए थी वह उसमें नाकाम रहे | हिसार उप चुनाव एवं प्रशांत भूषण के कश्मीर पर निजी ब्यान से स्वयं को अलग करते हुए उन्होंने कहा की वह असहमत हैं | अपनी राय न रख पाने के कारण टीम से अलग होना बेहतर समझते हैं ...
Share Your View via Facebook
top trend
-
बाबा रामदेव प्रकरण : केंद्र सरकार एवं गृह मंत्रालय को चेताया, गुमराह किया तो चलेगा मुकदमा
-
इंदिरा-राजीव जयंती की याद में 7.25 करोड़ खर्च
समाचार पत्रों में छपी ख़बरों और मीडिया चेनलों पर छाया रखा कि वर्तमान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और इंदिरा ग..
-
दबी कुचली नीतियां और आधुनिक कचरे का निपटारा
सोफे पर बैठे-बैठे हम खबरों की दुनिया से निकलकर फिल्मी दुनिया में घूमने लगते हैं। रिमोट के बटन के आसरे चैनल बदलने का सिलस..
-
अन्ना के अनशन में शराबियों और हुड़दंगियों की भी भीड़
अन्ना हजारे के आंदोलन को भले ही युवाओं का जबर्दस्त समर्थन मिल रहा हो , लेकिन इनके बीच कई युवा ऐसे भी हैं , जो इस मुहिम का ..
-
हर हिंदुस्तानी तक इलाज के साधन मुहैया कराना आवश्यक, बाबा रामदेव की मदद ले सरकार : योजना आयोग
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने भले ही रामलीला मैदान में बाबा रामदेव पर लाठियां चलवाई हों, लेकिन योजन..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)