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गोरखपुर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने सांप्रदायिक हिंसा बिल लाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि केंद्र द्वारा प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक के पीछे कांग्रेस की असली मंशा और इसके संभावित खतरे को लेकर जनता के बीच जाने की भी योजना है। भाजपा में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर जारी कशमकश पर जोशी का कहना था कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ही तय करेंगे कि वह इस पद की दौड़ में रहेंगे या नहीं। इस पर पार्टी को ही अंतिम निर्णय लेना है। रविवार को संपन्न संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के समापन भाषण में सरसंघ चालक भागवत ने सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार संघ की ताकत को लेकर किसी भी मुगालते में न रहे।
सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक अगर संसद में आया तो संघ देश में इतना बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा, जिसकी कल्पना भी केंद्र सरकार ने नहीं की होगी। संघ ऐसा करने में सक्षम है। स्वयंसेवकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि समय आने पर अपनी ताकत दिखाने के लिए वे तैयार रहें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से हिंदुओं के हित की उम्मीद मत करिए। स्थापना काल से ही यह हिंदू समाज का वजूद मिटाने पर आमादा है, पर हम मिटने वाले नहीं हैं। देश की समग्र प्रगति का मार्ग हिंदुत्व से ही प्रशस्त होगा। उधर, बैठक में आए भैयाजी जोशी ने मीडिया से बातचीत में भाजपा में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर जारी कशमकश पर अपनी राय रखी।
जोशी ने कहा कि संघ ऐसे निर्णय नहीं करता और न ही इस तरह के कोई निर्देश देता है। हालांकि उनका कहना था कि आडवाणी स्वयं यह साफ कर चुके हैं कि इसमें अभी वक्त है। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी हर मुद्दे पर निर्णय करती है और इस पर भी वही निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि संघ ने उनसे इस बारे में कभी नहीं पूछा है। जोशी ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर निर्णय आम चुनावों के बाद संसदीय बोर्ड निर्णय करेगा। उन्होंने अन्ना हजारे की टीम के सदस्य प्रशांत भूषण को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनकी भाषा अलगाववादियों जैसी है। ऐसे लोगों को जनता जवाब देती रही है। समय आने पर भूषण को भी जवाब मिल जाएगा। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के अगुआ होने का श्रेय अन्ना हजारे को ही दिया। उन्होंने कहा कि गंगा के शुद्धिकरण के अभियान में संघ की सहभागिता को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा गया कि चीन की आक्रामकता देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उत्तरी-पूर्वी सीमा पर हाल के कुछ वर्षो में चीन का रवैया बेहद आक्रामक रहा है।
मोर्चे तक अपने सैनिकों और सैन्य साजो-सामान ले जाने के लिए वह अपनी आधारभूत संरचना को लगातार बेहतर कर रहा है। पड़ोसी देशों से सामरिक और आर्थिक समझौते कर वह भारत को लगातार घेरने के प्रयास में है।
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