अन्ना के जनलोकपाल बिल को देश की जनता ने भले ही हाथों हाथ लिया पर विधि-संविधान विशेषज्ञों को बिल में तमाम खामियां नजर आ रही..

कभी अन्ना हजारे के सहयोगी रहे स्वामी अग्निवेश ने गांधीवादी नेता का 'महिमा मंडन' करने की कोशिश के लिए टीम अन्ना के सदस्यों से माफी मांगने को कहा। इसके साथ ही अग्निवेश ने उन्हें 'अन्ना भारत हैं और भारत अन्ना है' जैसे नारों से बचने को कहा।
उन्होंने कहा कि पूजनीय बनाने की कोई कोशिश नहीं की जानी चाहिए और अन्ना के आंदोलन से जुड़े लोगों को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उपासना एक तरह की तानाशाही है। यह एक तरह से संभ्रांतवादी है और 'अन्ना भारत हैं और भारत अन्ना है' जैसे नारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
आल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ एससी एसटी द्वारा आयोजित लोकपाल विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए अग्निवेश ने कहा कि देश में व्यक्ति विशेष की उपासना के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि एक व्यक्ति को ईश्वर या देश की तरह पेश किया जाए।
हजारे को संसद से ऊपर बताने वाले अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर अग्निवेश ने कहा कि जिन्होंने कहा है कि उनका नेता संसद से ऊपर है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। संसद लोकतंत्र का मंदिर है, जो देश का प्रतिनिधत्व करती है। यहां तक कि यदि कुछ भ्रष्ट लोग भी वहां हो तब भी इसकी गरिमा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
कश्मीर में जनमत समर्थन संबंधी बयान को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर किए गए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने इस विचार को बकवास बताया और कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
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