भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन गैर-राजनीतिक था, लेकिन इसका जबर्दस्त राजनीतिक असर दिख रहा है। टीम अन्ना के सदस्य..
प्रशांत भूषण से अन्ना ने किया किनारा, पीटने वालों को बाल ठाकरे ने दी शाबाशी
कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करके प्रशांत भूषण हर ओर से घिर गए हैं। अन्ना हजारे ने जहां प्रशांत की बात से पूरी तरह किनारा कर लिया, वहीं शिवसेना ने तो भूषण की पिटाई करने वालों को शाबाशी तक दे डाली।
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' को दिए
साक्षात्कार में यह भी कहा कि देश को बांटने की बात करने
वालों को सबक सिखाना जरूरी है। 'भूषण को मारा, शाब्बास' शीर्षक
से प्रकाशित रिपोर्ट में बाल ठाकरे के हवाले से कहा गया है कि यदि कोई
आपको भड़काए तो क्या आप ठंडे बैठेंगे। जिसने उकसाया वह पहले अपराधी
है, जिसने उसके कान के नीचे बजाया वो उसके बाद। शिवसेना प्रमुख ने कहा
कि जो भी देश को बांटने की बात करे उसके साथ ऐसा ही होना चाहिए।
प्रशांत भूषण ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए जनमत संग्रह कराने की
बात कही थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में उनके चैंबर में तीन युवकों
ने उनकी पिटाई कर दी थी। ये युवक भगत सिंह क्रांति सेना से संबंध रखते
हैं। इनका कहना है कि उन्होंने 'देश को तोड़ने की बात' कहने के लिए
भूषण को मारा।
भूषण के बयान की काफी आलोचना हुई। इसके बाद शुक्रवार को अन्ना हजारे ने भी इस पर सफाई दी। उन्होंने कहा, 'मेरी निजी राय यह है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। वह आगे भी भारत का ही अंग बनकर रहेगा। कश्मीर के लिए हम सिर कटा सकते हैं, लेकिन सिर झुका नहीं सकते नहीं।' उन्होंने यह भी कहा कि टीम अन्ना जन लोकपाल बिल और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए ही बात करती है। इसके अलावा किसी अन्य विषय पर टीम के सदस्य क्या राय रखते हैं, इससे टीम का कोई लेना-देना नहीं है।
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