पूर्णतः दोषी आप नहीं है, संपन्नता एवं उन्नति रूपी प्रकाश हेतु हम पूर्व की ओर ताकते है किंतु सूर्य हमारी पीठ की ओर से निकलत..
मंगलवार की रात और दिल्ली का प्रगति मैदान। खादी में लिपटी बला की खूबसूरत, सेक्सी मॉडल्स रैम्प पर कैटवॉक कर रही थीं। बैकग्राउंड म्यूजिक था, सारे जहां से अच्छा...। हॉल में बैठे लोग जिसमें कई मॉडल्स भी थीं, चुटकी ले रहे थे और फब्तियां कस रहे थे। यह माजरा था विल्स लाइफस्टाइल इंडिया फैशन वीक के चौथे दिन का।
अंग्रेजी अखबार 'मिड डे' के मुताबिक मंगलवार की रात देशभक्ति गानों के बीच नेहरू टोपी पहने खादी में लिपटीं मॉडल्स जैसे ही रैम्प पर उतरीं दर्शकों के बीच से सीटी बजाने की आवाजें आने लगीं। दर्शकों के बीच कई मॉडल्स भी थीं। इनका शो पहले खत्म हो गया था। ये भी सीटी बजा रही थीं।
ऑडियंस के बीच बैठीं कई मॉडल्स नशे में थीं। उन्होंने काफी पी रखी थी। हालत यह थी कि कई को होश तक नहीं था कि वे क्या कर रही हैं या फिर क्या बोल रही हैं। हालांकि, एफडीसीआई के प्रेजिडेंट सुनील शेट्टी ने इससे इनकार किया कि कोई नशे में था। उन्होंने कहा कि यहां मौजदू हर शख्स सिर्फ हैपी मूड में था। उन्होंने कहा कि फैशन शो में मौजूद दर्शक देशभक्ति से सराबोर थे। उन्होंने शो का जमकर लुत्फ उठाया।
शो में मौजूद एक विदेशी बिजनेसमैन ने कहा कि मैंने भी खूब इन्जॉय किया। उसने जोर देकर कहा कि भारत में भविष्य है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
भारतवासियों ने विश्व को कपड़ा पहनना एवं बनाना सिखाया है : भारत का स्वर्णिम अतीत
-
तंबाकू कारोबार में पैसा लगा रहा एलआइसी, 3,561 करोड़ रुपये मूल्य का निवेश
नई दिल्ली भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) आपके जमा धन का एक बड़ा हिस्सा तंबाकू कारोबार में लगा देता है। तंबाकू की सिर्फ एक ..
-
अल्पसंख्यक आरक्षण मुद्दे पर उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देना निन्दनीय: स्वामी
नयी दिल्ली, जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में अल्पसंख्यकों के प्रस्तावित ४.५ प्र..
-
यह गरीब नहीं, ढोर होने का पैमाना है : डॉ. वेदप्रताप वैदिक
अगर किसी की गरीबी तय करने का पैमाना सिर्फ यही है कि वह रोज़ाना कितना खर्च करता है तो हमारे देश में सबसे ज्यादा गरीब तो न..
-
संदेह का घेरा, २०.८० लाख करोड़ रुपए की लूट और लूटने वाले सुरक्षित : सोनिया गांधी का सच
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)