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ब्रेनवाश के कारण रोबोट की तरह किया काम : अजमल कसाब
मुंबई हमला मामले में मौत की सजा पाए आतंकवादी अजमल आमिर कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि घृणित अपराध को अंजाम देने के लिए अल्लाह के नाम पर उसका ब्रेनवाश किया गया था। उसे जबरदस्ती एक रोबोट जैसा बना दिया गया था। इसी कारण गुमराह होकर उसने मुंबई हमलों के दौरान एक रोबोट की तरह काम किया।
कसाब ने गुहार लगाई कि उसकी कम उम्र को देखते हुए वह मौत की सजा का हकदार नहीं है। उसे यह सजा नहीं सुनाई जानी चाहिए। मौत की सजा को चुनौती देने वाली अपनी विशेष अनुमति याचिका में कसाब ने अपने वकील गौरव अग्रवाल के जरिए सोमवार को यह दावा किया। शुरुआत से ही खुद को बेकसूर बताने वाले पाकिस्तानी आतंकी ने कहा कि अगर उसे मुंबई हमले का दोषी मान भी लिया जाए तो भी उसे मौत की सजा नहीं सुनाई जा सकती है। क्योंकि अपराध को अंजाम देने के लिए उसका बे्रनवाश कर दिया गया था।
उसने कहा कि अभी उसकी उम्र कम है। उसमें सुधार की गुंजाइश है। कसाब ने कहा कि वह बेकसूर है। उसके इकबालिया बयान का कोई प्रामाणिक महत्व नहीं है क्योंकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। याचिका में दावा किया कि मौत की सजा को बरकरार रखने वाले हाईकोटनर्् ने इस तथ्य पर विचार नहीं किया कि अपराध के समय कसाब की उम्र महज 21 वर्ष थी। इस तथ्य को मौत की सजा नहीं सुनाने के एक कारण के रूप में लिया जाना चाहिए था।
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