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संघ और भाजपा में दम है तो रोके सांप्रदायिक हिंसा बिल : सलमान खुर्शीद
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया
गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एन.ए.सी) की
संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने के लिए राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ
(आर.एस.एस) की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार यह विधेयक संसद में जरूर
पेश करेगी। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा में दम है तो इस बिल को रोक
लें। सलमान ने कहा कि अगर संघ-भाजपा को आपत्ति है तो उसे सांसदों के
जरिए विधेयक को रोकना होगा।
खुर्शीद ने शनिवार यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, जो लोग (संघ)
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दिन भी अपने मुख्यालय पर
राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराते हैं, उन्हें एन.ए.सी की संवैधानिक वैधता
पर सवाल उठाने का नैतिक हक नहीं है।
6 अक्टूबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एन.ए.सी की आलोचना करने के साथ
ही सांप्रदायिक हिंसा विधेयक के मसौदे का जमकर विरोध किया था। संघ
प्रमुख के इस यान के बाद खुर्शीद ने कहा कि यह विधेयक संसद में लाया
जाएगा और अगर वे संघ चाहे तो अपनी सोच से सहमत सांसदों के जरिए इस
विधेयक को पास होने से रोक सकते हैं।
दंगों में हिन्दू औरत का बलात्कार अपराध नहीं माना जाएगा
?
भाजपा भी इस प्रस्तावित विधेयक का कड़ा विरोध कर रही है। पार्टी ने इस
प्रस्तावित विधेयक में कुछ समूहों को लक्ष्य बना कर की जाने वाली
हिंसा को संविधान के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक और हानिकारक करार दिया
है। इस मुद्दे पर भाजपा को जयललिता का भी खुला समर्थन हासिल है।
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