संघ व हजारे के बारे में जो कहा, सही साबित हुआ, तिवारी बोले- प्रत्यक्ष को नहीं चाहिए प्रमाण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख c के इस बयान ने उनकी धारणा की पुष्टि कर दी कि उनके संगठन [आरएसएस] के स्वयंसेवकों ने अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भाग लिया था।
नागपुर में कल संघ की सालाना रैली को अपने संबोधन में भागवत ने कहा था कि संघ के लोगों ने अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता से इतर, हाल ही में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए आंदोलनों में भाग लिया था।
सिंह ने कहा कि वह हमेशा से ही कहते रहे हैं कि मजबूत लोकपाल के लिए हजारे के आंदोलन में संघ ने भी भाग लिया था और अब उनकी इस बात की पुष्टि हो गई। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ऐसे बयान देने के लिए कई बार उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा लेकिन अब वह सही साबित हो गए हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
विश्व में सिर्फ मुस्लिम समुदाय को ही समस्याएं क्यों?
विभाजन के बाद बचे कटे-छँटे भारत में भी सांप्रदायिक दंगों में सामुदायिक वाद-प्रतिवाद की वही कहानी है। दंगों की दबी-ढँकी.. -
पेप्सी से किये गए अनुबंध, तोड़े गए सभी कानून किये झूठे दावे
पेप्सी को कारोबार करने की अनुमति देते समय सरकार के साथ जो अनुबंध हुआ उसकी प्रमुख शर्तें कुछ इस प्रकार थीं।
.. -
नागरिकों को हिंदू और मुस्लिम बना देगा यह सांप्रदायिक हिंसा बिल
प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा बिल विवादों के घेरे में आ गया है। एनडीए ही नहीं , यूपीए का एक घटक दल तृणमूल कांग्रेस भी इस बि..
-
कन्हानगड, केरल में सेवाभारती के विविध उपक्रम
केरल के सुदूर कसारगोड जिले में बसे दुर्लक्षित वनवासी और पिछडे वर्ग के उत्थान के लिए कन्हानगड से सेवाभारती द्वारा विविध उपक..
-
गत माह गौ-हत्याओं में आई तेज़ी पर गौ-रक्षा दल सक्रिय, समस्त भारतवर्ष में गौ-रक्षा अभियान जोरों पर
गौ हत्या न सिर्फ एक कानूनी जुर्म है बल्कि अपनी माँ के साथ भी दुर्व्यवहार के समान है... पिछले एक महीने में देश के बहुत से श..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)