प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने २०११ का समापन इस स्वीकारोक्ति के साथ किया कि २०११ उनके लिए मुश्किलों भरा वर्ष रहा | उन्होंने क..
पीएम का मजाक उड़ाना महंगा पड़ा, शिवसेना के खिलाफ केस दर्ज
मुंबई के दशहरा मैदान से अपनी राजनीति चमकाते रहे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को गुरुवार को पीएम का मजाक उड़ाना महंगा पड़ा है। रैली के दौरान ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में शिवसेना के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दशहरा रैली के दौरान भीड़ को संबोधित करते हुए ठाकरे ने सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्ना पर निशाना साधा था।
मंच पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अभिनय करते हुए बाल ठाकरे हदें पार कर गए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री खुद नहीं समझ सकते कि वो क्या कहते हैं। जो वो बोलते हैं उसे देशवासी ही नहीं समझते तो दुश्मन क्या समझेंगे।
रामलीला मैदान में बाल ठाकरे के निशाने पर सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं थे। अन्ना को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि अन्ना का अनशन फाइव स्टार अनशन था। टीम अन्ना पर टिप्पणी करते हुए ठाकरे बोले एक महीने तक अन्ना का फाइव स्टार अनशन चलता रहा, केजरीवाल, किरण बेदी, मनीष सिसौदिया सब हवा में थे। ३५ हजार लोग इक्ट्ठा थे जो सुबह शाम खाना खा रहे थे। ऐसे फाइव स्टार अनशन से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा। ये कैसा अनशन था जहां अन्ना भूखे बैठे थे और लोग जूस पी रहे थे।
ठाकरे ने सोनिया की बीमारी को भी मुद्दा बनाते हुए कहा कि यह समझ में नहीं आता कि वो एक महीने तक विदेश में क्या करती रहीं। हालांकि ठाकरे के वार का अन्ना ने जवाब नहीं दिया। रालेगण सिद्धी में अन्ना ने कहा कि व्यक्ति में अपमान सहन करने की शक्ति होनी चाहिए। गौरतलब है कि संसद में लालू प्रसाद यादव द्वारा अन्ना के अनशन पर उठाए गए सवालों का भी अन्ना ने यही कहकर जवाब दिया था।
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