रायपुर, मार्च 12: पाकिस्तान में रह रहे अपराधी दाउद इब्राहिम की
नजर अब भारत के कीमती अयस्क संसाधनों पर है।
..
अल्वी बोले- गांधी से तुलना करने लायक नहीं हैं अन्ना, सोनिया त्याग की मूर्ति

नई दिल्ली. कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने एक बार फिर अन्ना
हजारे पर हमला बोलते हुए कहा है कि अन्ना हजारे की तुलना महात्मा
गांधी से करना गलत है। वहीं, अल्वी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
को त्याग की मूर्ति भी बता डाला।
2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन करीब दो महीने बाद सार्वजनिक तौर
पर दिखने पर टिप्पणी करते हुए अल्वी ने कहा कि उनकी पार्टी 2014 का
लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी के नेतृत्व में लड़ेगी और जीतेगी।
उन्होंने कहा कि जब से सोनिया गांधी ने कांग्रेस का नेतृत्व संभाला है तब से पार्टी तेजी से तरक्की कर रही है। अल्वी के मुताबिक, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री का पद ठुकरा कर त्याग की मिसाल पेश की है। ऐसा करके सोनिया गांधी ने देश को रास्ता दिखाया है।
उधर, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अपने गांव में गांधी जयंती को ग्राम परिवर्तन दिवस के रूप में मना रहे हैं। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए अन्ना ने कहा कि गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर ही देश विकास के असली मकसद को हासिल कर सकता है। अन्ना ने आज ही शोलापुर तक ही यात्रा हेलीकॉप्टर से की और वहां एक कार्यक्रम में शिरकत की।
Share Your View via Facebook
top trend
-
दाउद इब्राहिम ने नक्सलियों से हाथ मिलाया ?
-
वंशवाद हारा, कट्टरवाद जीता, राष्ट्रवाद ओझल : उत्तर प्रदेश चुनाव
पूरा देश तीन महीने से पांच राज्यों के चुनाव परिणामों की आतुरता से प्रतीक्षा कर रहा था। इन चुनावों को 2014 के लोकसभा चुना..
-
कोलकाता उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय: बकरीद पर खुलेआम गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध
कोलकाता उच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक निर्णय से देश के करोड़ों हिन्दुओं की दशकों से लहुलुहान होती आ रही भावनाओं पर मरहम का..
-
चिदंबरम के बाद अब निशाने पर वाड्रा, जुटा रहा हूं सबूत : सुब्रह्माण्यम स्वामी
2जी घोटाले में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बाद डा. सुब्रहमण्यम स्वामी के निशाने पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के द..
-
इंदिरा गाँधी ने कहा था गरीबी हटाओ! लेकिन गरीब ही हट गया
कांग्रेस ने इस बार गजब का दांव मारा है| यह दांव वैसा ही है, जैसा कि 1971 में इंदिराजी ने मारा था| गरीबी हटाओ! गरीबी हटी ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)