बड़ी और बुरी खबर है. बड़ा खुलासा है. टीम अन्ना के मजबूत स्तंभ स्वामी अग्निवेश सरकार के पाले में खड़े हो गए हैं. यह साबित क..
जय जवान जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसी हस्ती थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के
रूप में देश को न सिर्फ सैन्य गौरव का तोहफा दिया बल्कि हरित क्रांति
और औद्योगीकरण की राह भी दिखाई. शास्त्री जी किसानों को जहां देश का
अन्नदाता मानते थे, वहीं देश के सीमा प्रहरियों के प्रति भी उनके मन
में अगाध प्रेम था जिसके चलते उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा
दिया. पाकिस्तान ने 1965 में यह सोचकर भारत पर हमला किया कि 1962 में
चीन से लड़ाई के बाद भारत की ताकत कमजोर हो गई होगी, लेकिन शास्त्रीजी
के कुशल नेतृत्व ने पाक के नापाक इरादों को नाकाम कर दिया और उसे
करारी शिकस्त भी दी.
महर्षि दयांनद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर रजनीश सिंह के अनुसार
पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान को लाल बहादुर शास्त्री के
उन बुलंद हौसलों का अंदाज नहीं था. जिनके चलते पाकिस्तानी हुक्मरान को
भारत के नेता के सामने गिड़गिड़ाना पड़ा.
सिंह के अनुसार जुलाई 1964 में शास्त्री जी जब राष्ट्रमंडल प्रमुखों
की बैठक में भाग लेने लंदन गए तो रास्ते में ईंधन भरने के लिए उनका
विमान कराची में उतरा जहां उनका स्वागत अयूब खान ने किया. अयूब खान ने
शास्त्री जी को देखकर अपने एक सहयोगी से पूछा था कि क्या यही आदमी
जवाहर लाल नेहरू का वारिस है.
इस घटना का महत्व इसलिए बहुत अधिक था क्योंकि उसके बाद के साल 1965
में अयूब ने कश्मीर घाटी को भारत से छीनने की योजना बनाई था.
पाकिस्तान ने साजिश को अंजाम देते हुए कश्मीर में नियंत्रण रेखा से
घुसपैठिए भेजे और पीछे-पीछे पाकिस्तानी फौजी भी आ गए. शास्त्री जी ने
दूरदर्शिता दिखाते हुए पंजाब में दूसरा मोर्चा खुलवा दिया. अपने
अत्यधिक महत्वपूर्ण शहर लाहौर को भारत के कब्जे में जाते देख
पाकिस्तान ने कश्मीर से अपनी सेना वापस बुला ली.
इस तरह लाल बहादुर शास्त्री ने अयूब खान की सारी अकड़ निकाल दी. अयूब
खान की पाकिस्तान में काफी थू-थू हुई और शास्त्री जी विश्व मंच पर एक
प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हो गए. पाक हुक्मरान ने अपनी
इज्जत बचाने के लिए तत्कालीन सोवियत संघ से संपर्क साधा जिसके आमंत्रण
पर शास्त्री जी 1966 में पाकिस्तान के साथ शांति समझौता करने के लिए
ताशकंद गए.
इस समझौते के तहत भारत पाकिस्तान के वे सभी हिस्से लौटाने पर सहमत हो
गया जहां भारतीय फौज ने विजय के रूप में तिरंगा झंडा लगा दिया था. इस
समझौते के बाद दिल का दौरा पड़ने से 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में ही
शास्त्री जी का निधन हो गया. उनकी मौत की आधिकारिक रिपोर्ट आज तक जारी
नहीं हुई है. उनके परिजन मौत के कारणों पर सवाल उठाते रहे हैं.
सिंह ने कहा कि शास्त्री जी ने अयूब खान जैसे अहंकारी तानाशाह का घमंड
ही चूर नहीं किया बल्कि उन्हें अपने सामने गिड़गिड़ाने पर मजबूर भी कर
दिया था. ताशकंद में खान ने शास्त्री जी से कहा कि कुछ ऐसा कर दीजिए
जिससे वह पाकिस्तान में मुंह दिखा सकें.
प्रोफेसर सत्यप्रकाश का कहना है कि शास्त्री जी ने देश को सैन्य गौरव
का तोहफा ही नहीं दिया बल्कि हरित क्रांति का सूत्रपात कर कृषि
क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी किया. उनके दिए गए जय
जवान जय किसान नारे ने देश के सैनिकों और किसानों में एक नयी उमंग और
नया जज्बा भरने का काम किया.
शास्त्री जी ने देश के विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए उद्योगों को
सरकारी नियंत्रण से बाहर निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लाल
बहादुर शास्त्री देश में सादगी भरे और ईमानदार व्यक्तित्व के रूप में
जाने जाते हैं जो अपने खर्चों के लिए खुद को मिलने वाली तनख्वाह पर
निर्भर रहते थे.
Share Your View via Facebook
top trend
-
सनसनीखेज खुलासा हाथ लगा अग्निवेश का ऑडियो-टेप, अग्निवेश सरकार के आदमी ...
-
पैसों का हिसाब मांगने अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जुटे आईएसी के लोग, विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली. टीम अन्ना पर चंदा के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगा है। यह आरोप इंडिया अगेंस्ट करप्शन ..
-
सोनिया से बोफोर्स की काली कमाई लाने को कहेंगे बाबा रामदेव
नई दिल्ली, काले धन के मुद्दे पर राजनीतिक समर्थन जुटाने के अभियान में जुटे बाबा रामदेव ने बोफोर्स के मुद्दे को भी छेड़कर ..
-
विदेशी भाषा की चाह में भारतीय भाषाओं की जननी संस्कृत की हत्या
ऐसा लगता है कि सोनिया-मनमोहन सरकार का एकमात्र लक्ष्य है भारतीयता, भारतीय संस्कृति और सभी भारतीय भाषाओं की जननी संस्कृत भ..
-
अग्निवेश बिग बॉस में लगायेंगे तड़का ?
टीम अन्ना के पूर्व सदस्य अग्निवेश बिग बॉस के नए मेहमान बनने सकते हैं। नवभारत टाइम्स एवं भास्कर ने अपने अपने सूत्रों से इसक..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
IBTL Gallery
-
-
Navaratri Celebrations at Linga Bhairavi Temple
-
India Farmers need direct income support - Devinder Sharma & Baba Ramdev
-
Narendra Modi addresses function at Baba Ramdev's Patanjali Yogpeeth-II, Haridwar
-
#AAP ... How to Brainwash a Nation? by a former KGB agent and an expert on ideological subversion
-
Comments (Leave a Reply)