ई -शासन पर भारत संचार समाज (सीएसआई) एवं गुजरात सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हु..
अब भारत में भी 300 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, डेडिकेटेड कॉरिडोर की जरूरत
अगर आप से यह कहा जाए कि जल्दी ही भारत में भी रेल गाड़ियां 300
किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरती नजर आएंगी तो शायद
आपको यह मजाक जैसा लगेगा। लेकिन जनाब यह हकीकत में होने जा रहा है।
रेल मंत्रालय की तरफ से इस सिलसिले में एक प्रोजेक्ट ड्राफ्ट तैयार कर
लिया गया है।
इस ड्राफ्ट में कई ऐसे रुट्स का चयन किया गया है जहां ट्रेनों की
रफ्तार 300 किलोमीटर प्रति घंटे तक की होगी। सूत्रों का तो यह भी कहना
है कि संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान इस मामले से जुड़ा बिल
संसद में पेश किया जा सकता है।
खबर है कि फिलहाल इस बिल के ड्राफ्ट को लॉ मिनिस्ट्री, अर्बन
डेवलपमेंट मिनिस्ट्री, वित्त मंत्रालय और प्लानिंग कमीशन के पास भेजा
जा रहा है। ताकि इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर इन मंत्रालयों के विचार का
पता लगाया जा सके।
सूत्रों का कहना है कि भारत में हाई स्पीड ट्रेन को चलाने के लिए खास
डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाने की जरूरत पड़ेगी। और ऐसे कॉरिडोर के एक
किलोमीटर की निर्माण कार्य पर करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ऐसे
में इस बिल के ड्राफ्ट को संसद में पेश करने से पहले सभी महत्वपूर्ण
मंत्रालयों के विचार जानना बेहद जरूरी है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
गुजरात की प्रगति का माध्यम बना है ई - गवर्नेंस - नरेंद्र मोदी
-
कांग्रेसियों ने दिखाए बाबा रामदेव को काले झंडे
पिथौरागढ़ भारत स्वाभिमान यात्रा पर निकले बाबा रामदेव को पिथौरागढ़ जिले में कांग्रेसियों के विरोध का सामना करना पड़ा। बेरीन..
-
राष्ट्रपति बनाम राष्ट्रपाल
इन दिनों सारी दुनिया में राष्ट्रपति चुनावों की चर्चा जोरो पर है। रूस और फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव सम्पन्न हो चुक..
-
अन्ना की रसोई में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 20 हजार लोगों को भोजन कराते थे ...
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) चीफ अशोक सिंघल ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजाने के आंदोलन में उ..
-
स्वदेशी के प्रखर वक्ता, राजीव भाई की स्मृतियाँ...
29 नवम्बर 2010 की मनहूस शाम को करीब 7:30 बजे किसी ने फ़ोन करके बताया कि राजीव भाई की तबियत ठीक नहीं है और उन्हें अस्पताल..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)