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रिकॉर्ड से सामने आ गया महबूबा मुफ्ती का झूठ, नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बोली थीं

जम्मू - कश्मीर की बहुचर्चित नेता महबूबा मुफ्ती अब भले ही कुछ
कहें , पर यह सच है कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में वह न सिर्फ
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बोली थीं बल्कि
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भी खुलकर तारीफ की थी। यह
सब रिकॉर्ड में दर्ज है।
गृह मंत्रालय में मौजूद राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक का रिकॉर्ड
साबित करता है कि बीजेपी नेता सुषमा स्वराज के बयान के बाद पीडीपी
नेता महबूबा ने जो कहा , वह सच नहीं है। परिषद की बैठक में
प्रधानमंत्री और सभी दलों के प्रमुख नेताओं व प्रतिष्ठित हस्तियों के
बीच महबूबा खुलकर बोली थीं। उन्होंने कश्मीर को लेकर यूपीए सरकार की
खुलकर आलोचना भी की थी। गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक , महबूबा
ने कहा था , ' मैं पिछले दिनों चेन्नै गई थी। वहां एक मुस्लिम
व्यवसायी से मेरी मुलाकात हुई। उसने बताया कि वह हाल ही में गुजरात के
मुख्यमंत्री ( नरेन्द्र मोदी ) से मिला तो बहुत प्रभावित हुआ। '
उन्होंने आगे कहा , ' आज हमें किसी तरह के कदम उठाने की जरूरत है।
किसी तरह की पहल होनी चाहिए। लेकिन हम इस दिशा में ऐसी पहल की कमी
महसूस कर रहे हैं। ' बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा , ' बिना कश्मीर
के भारत की आत्मा अधूरी है। साथ ही भारतीय राष्ट्रवाद भी अधूरा है।
'
वाजपेयी की तारीफ करते हुए पीडीपी नेता ने कहा था , ' आज भी लोग
वाजपेयी की प्रशंसा करते हैं क्योंकि उन्होंने कश्मीरियों से संवाद
कायम किया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब यह पहल नहीं की जा रही है।
वाजपेयी ने न तो कश्मीर को पाकिस्तान को दे दिया और न ही कश्मीरियों
को आजादी दी थी। ' उन्होंने कश्मीर के भारत से रिश्तों पर कहा था , '
सुरक्षाबलों के कारण कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है। वास्तविकता यह है
कि भारत ( मेनलैंड ) के साथ कश्मीर का आध्यात्मिक रिश्ता है। '
सेना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा , ' भारत की फौज दुनिया की सबसे
अनुशासित फौज है। ' लेकिन थल सेनाध्यक्ष की उम्र के विवाद का उल्लेख
करते हुए कहा कि सेना में कुछ ऐसे लोग भी हैं , जो उसकी साख पर बट्टा
लगा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि जिन्होंने फर्जी मुठभेड़ों में
लोगों को मारा है , उन्हें सजा मिले।
उत्तरी कश्मीर में मिली सामूहिक कब्रों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने
मांग की थी , ' इन कब्रों की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया जाए।
अगर आप कश्मीर के निर्दोष मुसलमानों के हत्यारों को कानून की जद में
ले आते हैं और फिर आप चाहे अफजल गुरु को फांसी दो या राजीव गांधी के
हत्यारों को , आप पर कोई उंगली नहीं उठेगी। '
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