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बाबा रामदेव ने कहा राजबाला ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शहादत दी
आखिर जिस बात का डर था। वही हुआ। योगगुरु बाबा की शिष्या राजबाला पुलिसिया आंतक की शिकार बन गई। उन्होंने सोमवार की सुबह दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें गंभीर अवस्था 4-5 जून की रात्रि में यहां भर्ती कराया गया था। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उनकी सेहत दिन पर दिन गिरती जा रही थी और आज उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। राजबाला की उम्र 51 साल थी और वह गुडगांव की रहने वाली थीं।
उधर, बाबा रामदेव के कैंप पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में जैसे ही यह खबर पहुंची वहां शोक की लहर दौड़ गई। कयास लगाया जा रहा है कि आज शाम को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बाबा रामदेव सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे जिससे गृहमंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हालांकि राजबाला की मौत पर तत्कालिक टिप्पणी करते हुए बाबा रामदेव ने इसके लिए परोक्ष रूप से गृहमंत्री पी चिदंबरम जिम्मेदार बताया और कहा कि उन्ही के कहने पर पुलिस ने 4 जून की रात को उनके समर्थकों पर बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की थी।
गौरतलब है कि दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में बाबा रामदेव की अगुवाई में भ्रष्टाचार और कालेधन को लेकर एक योग शिविर का आयोजन किया गया था। पर मंच से कुछ हिंदुवादी नेताओं के आने के बाद केंद्र सरकार ने 4-5 जून की रात्रि में बाबा रामदेव के कैंप को अचानक घेर लिया और रात्रि के 1 बजे कैंप खाली करने को कहा।
जिससे वहां हड़कंप मच गया। वैसे बाबा रामदेव के समर्थकों ने इसका हल्का विरोध भी किया पर पुलिस ने आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए पहले समर्थकों पर लाठीचार्ज किया फिर उन्होंने आंसू गैस के गोले दागे। जिससे वहां भगदड़ मच गई। इस दौरान कई लोग घायल हुए जिसमें राजबाला भी शामिल थी। पुलिस ने इनके सिर पर लाठी से प्रहार किया था। जिससे वह कोमा की स्थिति में चली गई थीं और अभी तक बह जिंदगी और मौत से लड़ रही थीं।
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