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रामलीला मैदान में घायल हुईं बाबा रामदेव की समर्थक राजबाला की मृत्यु
योग गुरु बाबा रामदेव के अनशन के दौरान 4 जून को दिल्ली के रामलीला
मैदान में पुल्स लाठीचार्ज में घायल राजबाला ने सोमवार सुबह दम तोड़
दिया। वह जीबी पंत अस्पताल में भर्ती थीं। इसी के साथ सरकार के लिए एक
और परेशानी खड़ी हो सकती है। विपक्ष द्वार राजनीतिक तौर पर उठाने के
अलावा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट और आयोगों के स्तर पर भी उठाए जाने
की संभावना है।
51 वर्षीय राजबाला 4 जून की रात से ही जीबी पंत अस्पताल में एडमिट
थीं। उनके शरीर में कई फ्रैक्चर थे। डॉक्टरों के मुताबिक राजबाला दो
दिन से वेंटिलेटर पर थीं। गहरी चोट ही उनकी मौत की वजह
बनीं।
बाबा रामदेव के साथ अनशन पर बैठे लोगों पर पुलिस लाठीचार्ज का मामला
सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट ने उस रात की पुलिस कार्रवाई की सीडी तलब
की है। किन हालात में, किसने पुलिस ऐक्शन के आदेश दिए और किस तरह सोते
हुए लोगों पर एक्शन हुआ, यह सब सवालों के घेरे में है। मानवाधिकार
आयोग में भी शिकायतें हैं। राजबाला की मौत के बाद उन शिकायतों की
गंभीरता और बढ़ गई हैं।
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गौरतलब है कि 4 जून को बाबा और उनके भक्तों के शिविर पर रामलीला मैदान में हुई कार्रवाई में गुडगांव की राजबाला गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।
रीढ़ और गर्दन की हड्डी की सर्जरी के 20 दिनों बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया था । कंधे के ऊपर का हिस्से तो काम कर रहे थे, लेकिन उसके नीचे के हिस्से के हिस्से में कोई सुधर नहीं था
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