हाल के वर्षों में, खास कर भूमंडलीकरण के बाद भारत में जिस पेशे को सबसे ज्यादा गिरावट के लिए याद किया जाएगा वह है पत्रकारिता..
सद्भावना के बाद अब शक्ति प्रदर्शन, राज्यपाल के खिलाफ विशाल रैली

गांधीनगर। तीन दिन दिवसीय सदभावना मिशन उपवास के बाद अब मोदी शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उपवास के जरिए पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफलता पा लेने के बाद मोदी का आत्मविश्वास दोगुना हो गया है और अब वे अगले मिशन 'राज्यपाल को वापस बुलाओ' की ओर कदम बढ़ाने जा रहे हैं।
गुजरात सरकार रविवार से शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है। इसके लिए 5
लाख लोगों से भी अधिक की विशाल भीड़ एकत्रित कर 2.30 बजे से यह रैली
निकाली जाएगी। रैली द्वारा राज्यपाल के निर्णय का विरोध किया जाएगा।
रैली में बड़ी संख्या में मुसलमानों के शामिल होने की भी उम्मीद जताई
जा रही है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात में राज्यपाल द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति के
बाद 'राज्यपाल को वापस बुलाओ' की मांग को लेकर संसद कई बार गूंजी। अब
इसे लेकर गुजरात सरकार काफी आक्रामक रवैया अख्तियार करने का मन बना
चुकी है। बताया जाता है कि पांच लाख से भी अधिक लोगों की यह महारैली
20 दिन तक चलेगी।
इसके साथ ही यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि मोदी के 'सदभावना
उपवास' पर भाजपा के कई दिग्गज नेता मौजूद थे। लेकिन इस महारैली में
पार्टी का कोई भी बड़ा नेता शामिल नहीं हो रहा है। माना जा रहा है कि
इस शक्ति प्रदर्शन से मोदी कांग्रेस को ही नहीं, भाजपा को भी अपनी
ताकत का अहसास करवा देना चाहते हैं।
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