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चौतरफा महंगाई की मार, महंगे पेट्रोल के लिए फिर हो जाइए तैयार?
चौतरफा महंगाई की मार झेल रही आम जनता को जल्द ही जोर का झटका लग
सकता है। तेल कंपनियां एक बार फिर पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के
बारे में सोच रही हैं। वजह फिर वही। यानी पिछली बार की तरह इस बार भी
डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी को ही वजह बताया जा रहा है। गुरुवार
को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने 2 साल के निचले स्तर पर है। रुपया करीब
49 (48.830) रुपये पर कारोबार कर रहा है। रुपये की इस कमजोरी की मार
आम जनता पर जल्द पड़ सकती है। उन्हें महंगा पेट्रोल खरीदने को तैयार
हो जाना चाहिए। गौरतलब है कि जून 2010 में पेट्रोल के दाम नियंत्रण
मुक्त होने के बाद 9 बार बढ़ चुके हैं। अब तक यह 39 फीसदी बढ़कर 66.84
रुपए प्रति लीटर गया है।
जानकारों के मुताबिक , हाल ही में पेट्रोल की कीमत में की गई 3.14
रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की अंडर
रिकवरी तो बंद हो गई है। लेकिन , दुनिया में मंदी की आहट की खबर और
डॉलर की मजबूती के चलते इन कंपनियों के ऊपर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा
है। इनका नुकसान फिर बढ़ने लगा है। मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले
रुपए की कीमत 48.50-49.00 रुपए के आसपास चल रही है और इंटरनैशनल
मार्केट में डॉलर की बढ़ती मांग देखते हुए लग रहा है कि आने वाले
दिनों में रुपए के ऊपर दबाव और बढ़ेगा। गौरतलब है कि सितंबर के पहले
वीक में रुपए की कीमत 46-47 रुपए के आसपास चल रही थी।
16 सितंबर को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 3.14
रुपए प्रति लीटर की बढ़ाई थी। इससे पहले 15 मई को पेट्रोल के दाम 5
रुपए प्रति लीटर तक बढ़ाए थे। ऐसे में अब अगर पेट्रोल की कीमत में
इजाफा किया जाता है , तो यह आम लोगों पर सबसे बड़ी मार होगी।
गौरतलब है कि पहले पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि इंटरनैशनल मार्केट
में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती थी , लेकिन डी-कंट्रोलिंग के
बाद अब रुपए की कमजोरी और मजबूती का असर भी पेट्रोल के दामों पर देखा
जा रहा है।
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