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खोखले दावों के बाद और बड़ी महंगाई, महँगाई की दर 9.78 फ़ीसदी दर्ज
अगस्त में महँगाई की दर बढ़कर ईकाई से दहाई के अंक के करीब पहुँच गई. भारत सरकार की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने महँगाई की दर 9.78 फ़ीसदी दर्ज की गई.
इस दौरान खाद्य पदार्थों और निर्मित उत्पादों की क़ीमतों में वृद्धि देखी गई
इसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया
एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है
कुछ सस्ता नहीं हुआ
थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) पर आधारित महँगाई की दर जुलाई में 9.22 फ़ीसदी दर्ज की गई थी.यह अगस्त 2010 में यह 8.87 फ़ीसदी दर्ज थी.
आंकड़ों के मुताबिक़ इस साल जून महीने में महँगाई की दर 9.44 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया गया, वह बढ़कर 9.51 हो गया.
वार्षिक आधार पर देखा जाए तो समीक्षा अवधि के दौरान खाद्य पदार्थ 9.44 फ़ीसद महँगे हो गए. इस दौरान प्याज की कीमतों में 45.29 फ़ीसदी, फलों की क़ीमतों में 22.82 फ़ीसदी और आलू की क़ीमतों में 12.53 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
इस तरह अगर समग्र रूप में देखा जाए तो अगस्त में सब्जियों की क़ीमतों में 11.80 फ़ीसदी की वृद्धि हुई.
वहीं प्राथमिक वस्तुओं की क़ीमतों में अगस्त में 12.58 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. उल्लेखनीय है कि डब्लूपीआई में प्राथमिक वस्तुओं का 20 फ़ीसद हिस्सा है.
रेशों, तेल वाले बीजों और खनीजों जैसे ग़ैर खाद्य पदार्थों की क़ीमतों में 17.75 फ़ीसदी का इजाफा किया गया.
आलोच्य माह में डब्लूपीआई में 65 फ़ीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले खाद्य पदार्थों की क़ीमतों में 7.79 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. वहीं निर्माण सामग्री में इस साल फ़रवरी से ही तेज़ी देखी जा रही है, वह अब छह फ़ीसदी पर पहुँच गई है.
वहीं निर्मित वस्तुओं में खाद्य तेल 12.94 फीसदी महँगे हो गए तो तंबाकू उत्पाद 13.17 फ़ीसदी, सूती कपड़े 16.86 फ़ीसदी और लकड़ी व लकड़ी से बने उत्पाद 9.72 फ़ीसदी महँगे हुए
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