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चैंपियंस को महज 25 हजार: 'अपमान' से भड़की हॉकी टीम ने ठुकराई इनामी रकम
एशियाई हॉकी चैंपियनशिप जीतने वाली भारतीय टीम ने हॉकी इंडिया की ओर से मिले इनाम को कबूल करने से मना कर दिया है। दरअसल चैंपियंस ट्रॉफी जीत कर लौटी भारतीय हॉकी टीम को मंगलवार रात दिल्ली में सम्मानित करने का कार्यक्रम था। टीम के सम्मान में एक होटल में डिनर का आयोजन भी किया गया था। इस दौरान टीम ने इनामी राशि का चेक लेने से इंकार कर दिया। हॉकी इंडिया की ओर से प्रत्येक खिलाड़ी को 25 हजार रुपए की राशि का चेक मिलना था। लेकिन पूरी टीम ने यह इनामी राशि लेने से इनकार कर दिया।
हॉकी टीम के कप्तान राजपाल सिंह ने कहा कि फाइनल में पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा करना बड़ी बात है लेकिन इसका समुचित इनाम नहीं मिला है। राजपाल ने कहा कि यह एक सीनियर विजेता टीम के साथ मजाक जैसा है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम खेल मंत्री के इन खोखले दावे से निराश है जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय खेल को फिर से नई बुलंदियों तक पहुंचाने की बात की है।
कप्तान का कहना है कि खेल मंत्री हमारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं और यह इनामी राशि न सिर्फ मौजूदा खिलाडियों के मनोबल को बढ़ाने के लिहाज से कम है बल्कि राष्ट्रीय खेल का हिस्सा बनने की इच्छुक भावी पीढ़ी भी इससे निराश होगी। उन्होंने कहा कि हॉकी फेडरेशन को बीसीसीआई से सीख लेनी चाहिए।
टीम के एक और सीनियर खिलाड़ी गुरबाज सिंह ने कहा, 'हॉकी इंडिया के सेक्रेट्री जनरल नरेंद्र बत्रा की ओर से हर खिलाड़ी को 25 हजार रुपये बतौर इनाम की पेशकश की गई थी लेकिन हम सभी ने इसे लेने से मना कर दिया क्योंकि हमारी उपलब्धि को देखते हुए यह रकम बेहद मामूली है।'
भारतीय टीम ने बीते रविवार को चीन के ओरडोस में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर एशियाई चैंपियंस ट्राफी पर कब्जा कर लिया।
पूर्व खिलाड़ी भी भड़के
हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के बेटे और पूर्व ओलंपियन अशोक कुमार ने
इनामी राशि को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि खिलाडियों को 25
हजार रुपये के बजाय सिर्फ फूलों का गुलदस्ता दे दिया जाता तो अच्छा
रहता। इस रकम को बाद में किसी और प्रयोजन के लिए रख देते। उन्होंने
कहा कि हॉकी के साथ बरसों से ऐसा सौतेला व्यवहार होता रहा है।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान वीरेन रसकिन्हा ने इसे ‘चौंकाने’
वाला कदम करार देते हुए कहा कि खिलाडियों को प्रेरित करने की जरूरत है
क्योंकि भारतीय खिलाडियों ने नामी टीमों को हराकर यह प्रतियोगिता
जीती है।
पूर्व ओलंपियन जोएकिम कार्वाल्हो ने हॉकी फेडरेशन की निंदा करते हुए
कहा कि विजेताओं को सम्मानित करने का यह तरीका सही नहीं है। पूर्व
कप्तान अजित पाल सिंह ने कहा कि खिलाडियों को बड़ी रकम मिलनी चाहिए
थी।
मामूली रकम पर दी सफाई
हॉकी इंडिया ने 25 हजार की इनामी रकम को सही ठहराते हुए कहा है कि उसके पास खिलाडियों को देने के लिए इससे ज्यादा पैसे नहीं है। वहीं खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि 25 हजार रुपये का नकद इनाम दिए जाने की घोषणा हॉकी इंडिया की तरफ से की गई, सरकार की ओर से नहीं। सरकार सभी पैसे खिलाडियों की ट्रेनिंग और कोचिंग पर खर्च करती है।
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